ज़रा हटके
17-Sep-2025
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सोल (ईएमएस)। आजकल जल्दी जवान और ग्लोइंग दिखने की चाह में 10 से 15 साल की उम्र की लड़कियां कोरियन ब्यूटी ट्रेंड्स अपना रही हैं। कई जेनझू लड़कियां रात को 10-स्टेप स्किनकेयर रूटीन फॉलो कर रही हैं, जिसमें क्लेंज़र, टोनर, सीरम, एसेंस, फेस ऑयल और मॉइश्चराइजर जैसे कई प्रोडक्ट्स शामिल हैं। सोशल मीडिया, के-पॉप स्टार्स और कोरियन ड्रामे में दिखने वाली “ग्लास स्किन” यानी पोर्स-लेस, चमकदार और फ्लॉलेस स्किन ने नाबालिग लड़कियों को स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का दीवाना बना दिया है। सोशल मीडिया पर स्किनकेयर वीडियो देखकर बच्चे नई-नई चीजें ट्राय कर रहे हैं और ऑनलाइन महंगे प्रोडक्ट्स मंगवा रहे हैं। कई बार वे दोस्तों से प्रेरित होकर खुद ही महंगे सीरम और क्रीम खरीदने लगते हैं। माता-पिता इस पर काफी चिंतित हैं। दिल्ली की एक मां ने बताया कि उनकी 12 साल की बेटी रोजाना स्किनकेयर रूटीन करती है और महंगे प्रोडक्ट्स की डिमांड करती है। शुरुआत में यह केवल शौक था, लेकिन अब यह उसकी आदत बन गई है। माता-पिता को डर है कि इतनी कम उम्र में केमिकल बेस्ड प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। त्वचा विशेषज्ञों का कहना है कि 10 से 15 साल की उम्र में बच्चों की स्किन नैचुरली हेल्दी और ग्लोइंग होती है। बार-बार केमिकल्स का इस्तेमाल रैशेज, एलर्जी, पिग्मेंटेशन, एक्ने और समय से पहले एजिंग के लक्षण ला सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार इस उम्र में हल्की क्लेंजिंग और सनस्क्रीन ही पर्याप्त हैं। बड़े कॉस्मेटिक ब्रांड्स अब 10-12 साल के बच्चों को टारगेट कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर ग्लासस्किन और के ब्यूटी जैसे हैशटैग्स बच्चों को आकर्षित कर रहे हैं। रंगीन पैकेजिंग और ग्लॉसी विज्ञापन बच्चों को प्रभावित कर महंगे प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों की त्वचा नैचुरली बहुत सॉफ्ट और ग्लोइंग होती है। अतिरिक्त केमिकल्स की जरूरत नहीं है। संतुलित आहार, पर्याप्त पानी, नींद और सन प्रोटेक्शन से स्किन स्वस्थ रहती है। माता-पिता को बच्चों को यह समझाना चाहिए कि असली खूबसूरती महंगे प्रोडक्ट्स में नहीं, बल्कि नैचुरल केयर में है। सुदामा/ईएमएस 17 सितंबर 2025