काठमांडू,(ईएमएस)। काठमांडू की सड़कों पर जेन जी प्रदर्शनकारी ओली सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन कर इस्तीफे की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारी तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के आवास के पास पहुंच गए। डरे ओली ने नेपाली सेना प्रमुख को फोन कर हेलीकॉप्टर मांगा। रिपोर्ट के अनुसार, सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल ने कड़ा रुख दिखाकर कहा, आपके इस्तीफे के बाद ही हेलीकॉप्टर मिलेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, ओली ने नेपाल पुलिस, सशस्त्र पुलिस बल और राष्ट्रीय जांच विभाग के प्रमुखों को सूचित किया। इन अधिकारियों ने भीड़ और नेताओं के घरों पर गंभीर खतरे की चेतावनी दी। सुरक्षा बलों की गोलीबारी से नाराज भीड़ ने नेताओं के घर घेर लो के नारे लगाए और माओवादी नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड और नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा के घरों पर हमला कर दिया। दोपहर तक प्रचंड के आवास पर हमला हो चुका था। रिपोर्ट के मुताबिक, ओली ने दावा किया कि सरकार प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रही है, लेकिन मंत्रियों के घरों और पुलिस थानों पर हमलों ने सुरक्षा बलों को कमजोर किया। सेना और सशस्त्र बल को पर्याप्त सहायता न मिलने से पुलिस रक्षात्मक स्थिति में आ गई। ओली ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई, जहां एजेंसी प्रमुखों ने संसद पर हमले और हिंसक मौतों की जानकारी दी। पुलिस प्रमुख की सेना तैनाती की अपील को नजरअंदाज किया गया। दूसरी ओर भीड़ ने सरकारी भवनों और नेताओं के घरों पर हमले तेज किए। इमारतों में आग लगाई गई, पत्थर फेंके गए, और पुलिस की लाठी व गोलियों से अस्पताल घायलों से भर गए। देउबा के घर और उनकी पत्नी पर हमले के बाद ओली ने सेना प्रमुख सिगडेल से अतिरिक्त बल और निकासी की मांग की, लेकिन उन्हें इस्तीफे की शर्त का सामना करना पड़ा। हंगामे के बीच ओली को आखिरकार इस्तीफा देना पड़ा, जिसे राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को भेजा गया। 9 सितंबर की रात तक जनरल सिगडेल के नेतृत्व में सेना ने व्यवस्था बहाल कर दी। इसके बाद पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की ने नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में अंतरिम प्रशासन की शपथ ली। आशीष दुबे / 18 सिंतबर 2025