अंतर्राष्ट्रीय
18-Sep-2025


मास्को (ईएमएस)। हाल ही में रूस और बेलारूस के संयुक्त सैन्य अभ्यास जापद-2025 में अमेरिकी सैन्य पर्यवेक्षकों की उपस्थिति ने दुनिया को चौंका दिया है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने इसकी पुष्टि की है कि अमेरिका ने अभ्यास में अपने अधिकारियों को भेजा था। यह यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद, अमेरिका की पहली ऐसी भागीदारी है, जिसने कई सवाल खड़े किए हैं। दरअसल बेलारूसी मीडिया द्वारा तस्वीरें पोस्ट करने के बाद मामले का खुलासा हुआ, जिसमें अमेरिकी सैन्य अधिकारी अभ्यास में मौजूद दिख रहे थे। पेंटागन के मुख्य प्रवक्ता सीन पार्नेल ने बताया कि मिन्स्क में स्थित अमेरिकी दूतावास को अभ्यास में शामिल होने का निमंत्रण मिला था, इस निमंत्रण को स्वीकार कर लिया गया। यह घटना पोलैंड की हवाई सीमा में रूसी ड्रोन की घुसपैठ के एक हफ्ते से भी कम समय बाद हुई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि वॉशिंगटन बेलारूस के साथ अपने संबंधों को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा है। क्या ट्रंप यूक्रेन के साथ गेम कर रहे हैं? पश्चिमी विश्लेषकों का मानना है कि इस कदम के पीछे डोनाल्ड ट्रंप की रणनीति हो सकती है। वे दो मुख्य लक्ष्यों पर काम कर रहे हैं। ट्रंप की कोशिश है कि बेलारूस को रूस के प्रभाव से बाहर लाया जाए। हालांकि, इस रणनीति की सफलता को लेकर संदेह है। यह भी संभव है कि ट्रंप मास्को के साथ अपने संबंधों का उपयोग करके यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए एक समझौते को बढ़ावा देना चाहते हों। ट्रंप ने हाल ही में बेलारूस की राष्ट्रीय एयरलाइन पर लगे प्रतिबंध भी हटा दिए हैं, जिससे यह संकेत और मजबूत होता है कि वे बेलारूस के साथ संबंध सुधारने के लिए गंभीर हैं। कुल मिलाकर, इस घटना ने यूक्रेन को असहज कर दिया है और यह दिखाता है कि अमेरिका की विदेश नीति में एक बड़ा बदलाव आ रहा है। यह देखना बाकी है कि ट्रंप की यह रणनीति कितनी सफल होती है। आशीष दुबे / 18 सिंतबर 2025