-सर्वे में खुलासा, 85 फीसदी इंजीनियर्स बदलना चाहते हैं जॉब रोल नई दिल्ली,(ईएमएस)। इंजीनियर्स-डे के अवसर पर ऑनलाइन कोर्स प्लेटफॉर्म ग्रेट लर्निंग ने एक सर्वे जारी किया है, जिसमें इंजीनियर्स ने अपने जॉब रोल और सिक्योरिटी पर कई खुलासे किए हैं। सर्वे के मुताबिक 67 फीसदी इंजीनियर्स को लगता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के आने से उनके जॉब रोल्स बदल रहे हैं। 85 फीसदी इंजीनियर्स का मानना है कि अपस्किलिंग अब करियर की सुरक्षा के लिए जरूरी हो गया है, ना कि एक विकल्प। जैसे-जैसे तकनीक बदल रही है, इस बात को लेकर जागरूकता बढ़ रही है कि भविष्य के लिए नौकरी को सुरक्षित रखने का यही तरीका है। रिपोर्ट के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2026 तक सबका एआई आधारित क्षेत्रों में अपस्किल करने का प्लान है। पसंदीदा क्षेत्रों की सूची में एआई एंड मशीन लर्निंग, डेटा साइंस एंड एनालिटिक्स, सॉफ्टवेयर डेवेलपमेंट, क्लाउड कंप्यूटिंग और साइबर सिक्योरिटी शामिल हैं। वहीं, जनरेटिव एआई, एजेंटिक एआई., पाइथन और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग जैसे स्किल्स की मांग सबसे ऊपर है। 20 फीसदी लोग इन स्किल्स को आर्थिक वृद्धि के लिए सीखना चाहते हैं। वहीं 12-12 फीसदी प्रमोशन और नए मौकों के लिए। वहीं 11 फीसदी लोग मार्केट में डिमांड में रहने और अपने आउटडेटेड स्किल्स के कारण इन्हें सीखना चाहते हैं। सर्वे से पता चलता है कि भारत के इंजीनियर केवल जॉब मार्केट में जीवित रहने की ही नही, बल्कि अपने करियर में आगे बढ़ने की भी तैयारी कर रहे हैं। करीब 66 फीसदी लोग 6 महीनों तक के शॉर्ट टर्म कोर्स पसंद कर रहे हैं, जबकि केवल 5फीसदी ही एक साल से ज्यादा के लंबे कोर्स करने के लिए तैयार हैं। इंजीनियर्स का आकर्षण मास्टर्स या डॉक्टरेट से ज्यादा, प्रमुख भारतीय या विदेशी यूनिवर्सिटीज से सर्टिफिक्ट हासिल करने की ओर बढ़ रहा है। 85फीसदी इंजीनियर्स इस साल ही नौकरी बदलने का मन बना चुके हैं। 33फीसदी लोगों के लिए वर्क-लाइफ बैलेंस इसका प्रमुख कारण है। 18फीसदी लोग ऐसा जॉब सिक्योरिटी के लिए कर रहे हैं तो वहीं 14फीसदी करियर में ठहराव लाने के लिए यानी लोगों का ध्यान अब केवल नए स्किल्स सीखने पर नहीं है, वह इसका भी ध्यान रख रहे हैं कि उन्हें अपने नियोक्ता से क्या उम्मीद है। एयरोस्पेस इंडस्ट्री में काम करने वाले एक शख्स ने बताया कि वहां काम करने के दौरान उन्हें एहसास हुआ कि टेक्नोलॉजी कितनी जल्दी हमारे आस-पास दुनिया को बदल रही है, इसलिए उन्होंने एआई और मशीन लर्निंग सीखना शुरू किया। मारुति ने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य के इंजीनियर्स को फील्ड की बेहतर जानकरी के साथ-साथ जिज्ञासा और फ्लेक्सिबिलिटी को भी बेहतर बनाना चाहिए। उनका कहना है कि इसके लिए अपने साथियों के साथ मिलकर वह अपने स्किल्स को रियल-वर्ल्ड चुनौतियों को ठीक करने में लगाएं, जिससे एआई के युग में भारत का विकास हो। ग्रेट लर्निंग प्लेटफॉर्म के सह-संस्थापक कहते हैं कि आज का इंजीनियर बीस साल पहले के इंजीनियर से बहुत अलग है। सफल होने के लिए जो स्किल्स पहले काफी थे, आज वह कम पड़ रहे हैं। इसलिए अब इंजीनियरों को प्रासंगिक बने रहने के लिए लगातार अडैप्ट करना, नए स्किल्स सीखना और अपनी विशेषज्ञता का विस्तार करना जरूरी है। रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत को एक गहन तकनीकी अर्थव्यवस्था में बनाने में इंजीनियर अहम भूमिका निभाएंगे। एआई, क्लाउड और डेटा की ओर बढ़ रहे आकर्षण के साथ वह खुद को प्रतियोगिता और इनोवेशन के प्रमुख वाहक के रूप में स्थापित कर रहे हैं। जैसे-जैसे भारत एआई विकास में आगे बढ़ रहा है, ये सर्वे स्पष्ट करता है कि इंजीनियर नेतृत्व करने की तैयारी कर रहे हैं। सिराज/ईएमएस 19 सितंबर 2025