अंतर्राष्ट्रीय
20-Sep-2025
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तेल अवीव(ईएमएस)। इजरायल ऐसे हथियार बना रहा है, जो कम खर्चे में बड़ा नुकसान पहुंचा सकें। आखिकार इजरायल ने अपना वो ब्रह्मास्त्र निकाल लिया है, जिसके बारे में चर्चा खूब थी। इज़राइल के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि उसका नया लेजर-आधारित एयर डिफेंस सिस्टम आयरन बीम सफल परीक्षणों के बाद इस साल तैनाती के लिए तैयार है। यह तकनीक बेहद खास है क्योंकि पारंपरिक इंटरसेप्टर मिसाइल दागने में जहां लगभग 50,000 डॉलर यानि 40 लाख रुपये तक का खर्च आता है, वहीं लेज़र से लक्ष्य भेदने की लागत बेहद मामूली है। इस तरह अब इजराइल को आसमान से बरसने वाले रॉकेट और ड्रोन को रोकने में भारी बचत होगी। दिलचस्प ये है कि इजरायल वाली तकनीक पर भारत भी काम कर रहा है और वो भी ऐसे हथियार बना रहा है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक आयरन बीम ने हाल के परीक्षणों में रॉकेट, मोर्टार, ड्रोन और यहां तक कि विमान को भी सफलतापूर्वक मार गिराया। यह सिस्टम मौजूदा डिफेंस लेयर्स आयरन डोम, डेविड्स स्लिंग और एरो सिस्टम के साथ काम करेगा। ये हथियार पहले भी गाजा से हमास, लेबनान से हिज़्बुल्लाह और यमन से हूती विद्रोहियों के दागे गए हजारों प्रोजेक्टाइल को नष्ट किया है। इज़राइल डिफेंस फोर्सेज़ (आईडीएफ) को इसके पहले यूनिट साल 2025 के अंत तक मिल जाएंगे। रक्षा मंत्रालय के डायरेक्टर-जनरल अमीर बराम ने कहा- यह दुनिया में पहली बार है जब किसी हाई-पावर लेज़र सिस्टम ने फुल ऑपरेशनल क्षमता हासिल की है। भारत की रक्षा तकनीक में भी ऐसा एक हथियार है। डीआरडीओ ने 30 किलोवाट का लेजर हथियार बनाया है, जो 5 किलोमीटर की दूरी तक ड्रोन, हेलीकॉप्टर और मिसाइल जैसे हवाई हमलों को हवा में ही मार देता है। यह हथियार इलेक्ट्रॉनिक वॉर में भी माहिर है और दुश्मन के कम्युनिकेशन और सैटेलाइट सिग्नल को जाम कर सकता है। इसे जमीन और जहाज दोनों पर इस्तेमाल किया जा सकता है। भारत इस तकनीक को और भी ज्यादा एडवांस बनाने पर काम कर रहा है। वीरेंद्र/ईएमएस 20 सितंबर 2025