* मुख्यमंत्री ने शारदीय नवरात्रि की नवमी के पवित्र दिन लोकमाता नर्मदा के पावन जल का स्वागत-सत्कार किया अहमदाबाद (ईएमएस)| गुजरात में जल क्रांति तथा कृषि क्रांति की जीवन रेखा नर्मदा परियोजना के सरदार सरोवर बांध का जल स्तर उसकी अधिकतम क्षमता 138.68 मीटर यानी 455 फीट पर पहुँचा है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जगत जननी आद्यशक्ति माता के आराधना पर्व शारदीय नवरात्रि की नवमी के पवित्र दिवस बुधवार को सरदार सरोवर बांध स्थल यानी एकतानगर पहुँच कर लोकमाता नर्मदा के पावन जल की आराधना कर जल पूजन किया तथा नर्मदा जल का स्वागत-सत्कार किया। भूपेन्द्र पटेल ने 10,453 गाँवों, 190 शहरों तथा 7 महानगर पालिका क्षेत्रों सहित गुजरात के कुल 4 करोड़ से अधिक लोगों को पीने का पानी प्रदान करने वाली इस सरदार सरोवर नर्मदा बांध परियोजना का जलाशय पूर्ण स्तर पर छलकने पर जल राशि का उमंग एवं उल्लासमय वातावरण में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितंबर, 2017 को सरदार सरोवर बांध राष्ट्र को समर्पित किया, जिसके बाद यह बांध अब तक कुल 6 बार यानी वर्ष 2019, 2020, 2022, 2023, 2024 तथा 2025 में अपनी पूर्ण संग्रह क्षमता तक लबालब हुआ है। नर्मदा बांध की उसकी ऊँचाई 138.68 मीटर (455 फीट) पर कुल जल संग्रह क्षमता 9460 मिलियन घन मीटर है। राज्य की अविरत प्रगति के छड़ीदार तथा गुजरात की पनिहार समान इस सरदार सरोवर नर्मदा बांध के पूर्ण स्तर पर पहुँची जल राशि के पूजन-अर्चन से जल शक्ति की वंदना करने की परंपरा को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने नर्मदा जल पूजन व स्वागत-सत्कार कर आगे बढ़ाया है। उन्होंने सभी से पारसमणि समान नर्मदा जल का मितव्ययितापूर्ण तथा विवेकपूर्ण उपयोग करने की अपील की। उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की यात्रा पर आए लोगों के साथ सहज भाव से संवाद-लार्तालाप किया और विभिन्न पर्यटन सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की। सरदार पटेल जयंती पर 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरक उपस्थिति में हर वर्ष एकता नगर में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय एकता परेड इस वर्ष सरदार साहब की 150वीं जयंती के विशेष अवसर पर आयोजित होने वाली है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने इस एकता परेड स्थल का प्रत्यक्ष निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों से राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह के विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन का पूरा विवरण प्राप्त किया और उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन भी दिया। यहाँ यह उल्लेख करना आवश्यक है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में सेवा दायित्व संभालने के बाद केवल 17 दिनों में ही नर्मदा बांध का अधूरा कार्य पूर्ण करने तथा गेट लगाने की मंजूरी दे दी थी। राज्य सरकार ने भी तत्परता से यह कार्य शुरू कर 30 गेट लगाने सहित समग्र कार्य निर्धारित समय से 9 महीने जल्दी पूरा कर लिया था। इसके परिणामस्वरूप इस वर्ष की वर्षा ऋतु में सुजलाम-सुफलाम तथा सौनी योजना द्वारा उत्तर गुजरात तथा कच्छ-सौराष्ट्र को पानी का वितरण किया गया है। सुजलाम-सुफलाम योजना अंतर्गत 98 एमसीएम (3431 एमसीएफटी) पानी प्रदान किया गया है तथा 877 तालाब भरे गए हैं। सौनी योजना अंतर्गत 114 एमसीएम (3992 एमसीएफटी) पानी प्रदान किया गया है और 36 तालाब, 325 तटबंध एवं 31 बांध भरे जा रहे हैं, जबकि 162 तालाब, 1104 तटबंध एवं 30 बांध भरे जा चुके हैं। सिंचाई विभाग की आवश्यकताओं के अनुसार तालाबों, तटबंधों, बांधों आदि को भरने के लिए पर्याप्त जल सरदार सरोवर बांध से वितरित किया जाता है। चालू वर्ष में नर्मदा बांध के ओवरफ्लो के समय के दौरान पुष्पावती, रूपेण, बनास, सरस्वती, साबरमती, वात्रक, कुण, कराड, देव तथा हेरण जैसी 10 नदियों में नर्मदा जल बहाकर इन नदियों को जीवंत किया गया है। इस वर्ष वर्षा ऋतु के समय में नर्मदा योजना के रिवर बेड पावर हाउस तथा कैनाल हेड पावर हाउस में कुल 302 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ है तथा सितंबर-2025 तक मासिक अधिकतम 105 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ है। अब तक कुल 6,810 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ है। इस पवित्र अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ भरूच के सांसद मनसुख वसावा, छोटा उदेपुर के सांसद जशु राठवा, विधायक दर्शनाबेन देशमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष भीमसिंह तडवी, संगठन के पदाधिकारी, मुख्य सचिव पंकज जोशी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एम. के. दास, सरदार सरोवर नर्मदा निगम के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक मुकेश पुरी, गृह विभाग की प्रधान सचिव निपुणा तोरवणे, सरदार सरोवर नर्मदा निगम के संयुक्त प्रबंध निदेशक अमित अरोड़ा, निदेशक ठक्कर तथा जिले के वरिष्ठ अधिकारी सहभागी हुए। सतीश/01 अक्टूबर