अंतर्राष्ट्रीय
13-Oct-2025
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65 से ज्यादा शादीशुदा पुरुषों के साथ उनके रिश्तें लंदन,(ईएमएस)। कभी क्लासरूम में बच्चों को पढ़ाने वाली कॉनी कीस्ट वर्तमान में सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र हैं। 36 साल की पूर्व शिक्षिका अब एक प्रोफेशनल ‘शुगर बेबी’ बन चुकी हैं। यानी अमीर पुरुषों के साथ समय बिताकर पैसा कमाने वाली महिला। कॉनी का कहना है कि उनके 65 पुरुषों से रिश्ते हैं, जिसमें ज्यादातर शादीशुदा हैं। लेकिन, उनकी कहानी सिर्फ पैसों या ग्लैमर की नहीं, बल्कि आधुनिक रिश्तों की जटिलता और अकेलेपन की गहरी सच्चाई को दिखाती है। ब्रिस्टल के एक स्कूल में पढ़ाने वाली कॉनी को बतौर शिक्षिका बहुत कम वेतन मिलता था। आर्थिक तंगी से परेशान होकर उन्होंने ‘ओनलीफैंस’ पर वीडियो बनाना शुरू किया। साल 2021 में उनका रिश्ता टूट गया और वे एक बच्चे की सिंगल मदर बन गईं। इस झटके के बाद उन्होंने कहा, “प्यार में दोबारा पड़ना मतलब खुद को फिर से दर्द देना।”इसके बाद उन्होंने ‘शुगर बेबी’ बनकर जिंदगी जीने का फैसला किया। अब वे हर घंटे 20 से 35 हजार रुपये तक कमाती हैं, और उनका मासिक लक्ष्य करीब 3 लाख रुपये है। कॉनी बताती हैं कि उनके ज्यादातर ग्राहक शादीशुदा हैं, जो अपनी पत्नियों के साथ न एक कमरे में सोते हैं और न ही भावनात्मक जुड़ाव रखते हैं। कोनी बताती हैं कि “शादीशुदा पुरुष मेरे पास मजे के लिए नहीं आते। वे अकेले हैं… अपने ही घरों में खुद को अनचाहा महसूस करते हैं। उन्हें कोई चाहिए जो उनसे प्यार से बात करे, उन्हें समझे और कुछ वक्त दे।” कॉनी का मानना है कि उनके रिश्ते भले ही पैसों पर टिके हों, लेकिन इनका आधार लोगों का टूटता भावनात्मक संतुलन है। रिलेशनशिप जानकार का कहना है कि जब किसी रिश्ते का केंद्र पैसा और ताकत बन जाए, तब उसमें इज्जत और बराबरी की भावना खत्म हो जाती है। कॉनी भी मानती हैं कि यह काम जोखिम भरा है। कई बार उनके कुछ क्लाइंट्स ऑब्सेसिव हो जाते हैं या उन्हें कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं। ‘मुझे कोई पछतावा नहीं’ कॉनी का कहना है कि उन्होंने यह रास्ता खुद चुना है और उन्हें अपने फैसले पर कोई अफसोस नहीं। मैं अपनी बेटी की अच्छी परवरिश कर रही हूं। लोगों को किसी भी काम को लेकर शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए, अगर वह अपनी जिंदगी खुद के दम पर जी रहा है।” कॉनी की कहानी आधुनिक रिश्तों के उस खालीपन की तरफ इशारा करती है, जहां सुख-सुविधाओं के बीच भी भावनात्मक भूख मिट नहीं पाती। एक तरफ वह महिलाओं की आत्मनिर्भरता का प्रतीक हैं, तो दूसरी ओर आज की एकाकी और व्यावसायिक होती रिश्तों की दुनिया की कड़वी सच्चाई भी। आशीष/ईएमएस 13 अक्टूबर 2025