- शर्म से झुका मध्यप्रदेश! अवैध खनन का विरोध करने पर दलित युवक को पीटा, फिर मुंह पर मूत्र त्याग कर अपमानित किया - तीन दिन अस्पताल में भर्ती रहा पीड़ित, अब गांव लौटने से डर; पुलिस अधीक्षक से लगाई न्याय की गुहार कटनी (ईएमएस)। मध्यप्रदेश एक बार फिर अमानवीयता और जातिगत उत्पीड़न की सारी हदें पार करने वाली घटना से शर्मसार हुआ है। कटनी जिले के बहोरीबंद थाना क्षेत्र के ग्राम मटवारा में, अवैध खनन का विरोध करने वाले एक दलित युवक के साथ दबंगों ने न केवल बेरहमी से मारपीट की, बल्कि उसके मुंह पर मूत्र त्याग कर घृणित और शर्मनाक कृत्य को अंजाम दिया है। पीड़ित राजकुमार चौधरी (36) ने पुलिस अधीक्षक को दिए आवेदन में बताया कि यह अमानवीय घटना 13 अक्टूबर 2025 की शाम को हुई। राजकुमार अपने खेत के पास रमगढ़ा पहाड़ी पर हो रहे शासकीय भूमि के अवैध उत्खनन का विरोध करने गए थे। उत्खनन कार्य में लगे राम बिहारी हल्दकार ने उन्हें जातिसूचक गालियाँ देकर जान से मारने की धमकी दी। जब राजकुमार अपनी माँ मुन्नी बाई चौधरी के साथ घर लौट रहे थे, तभी गांव के नजदीक मुक्तिधाम के पास सरपंच रामानुज पाण्डेय, उनके पुत्र पवन पाण्डेय, भतीजे सतीश पाण्डेय और अन्य साथियों ने उन्हें रोका। सभी ने मिलकर राजकुमार को लात-घूंसों और लोहे की रॉड से बुरी तरह पीटा और गला दबाया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। पीड़ित राजकुमार का आरोप है कि पिटाई के दौरान सरपंच पुत्र पवन पाण्डेय ने इंसानियत की सारी हदें पार करते हुए उनके मुंह पर पेशाब कर दी। बीच-बचाव करने आईं उनकी माँ मुन्नी बाई को भी बाल पकड़कर घसीटा गया और उनके साथ मारपीट की गई। आरोपियों ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया और धमकी दी कि अगर थाने में रिपोर्ट की तो उन्हें मारकर गाड़ दिया जाएगा। घायल राजकुमार को उनकी माँ ने जिला चिकित्सालय कटनी में भर्ती कराया, जहाँ वह तीन दिन तक इलाज कराते रहे। आरोपियों के राजनीतिक रसूख और धमकी के कारण वह स्लीमनाबाद थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं करा पाए। इलाज के बाद, पीड़ित माँ के साथ सीधे पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुँचे और न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि दबंगों ने उन्हें गांव में वापस न आने की भी धमकी दी है, जिसके चलते अब वह गांव लौटने से भी डर रहे हैं। पीड़ित ने मांग की है कि सभी आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाए। वही, पुलिस ने पीड़ित को कार्यवाही का अस्वाशन दिया है।