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16-Oct-2025
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केंद्रीय मंत्री बोले- यह सवाल मुझसे नहीं वर्तमान अध्यक्ष से पूछो नई दिल्ली,(ईएमएस)। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम मोदी सरकार को लेकर बड़ी बात कही है। गडकरी ने कहा कि 50 से 60 साल की तुलना में पिछले 11 साल में हर सेक्टर में जितना काम हुआ है, उससे कॉन्फिडेंस बढ़ा है। जब गडकरी से सवाल किया कि बीजेपी को अगला नेशनल प्रेसिडेंट मिलने में देरी क्यों हो रही है? क्या नितिन गडकरी दोबारा से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेंगे? इसपर गडकरी ने कहा कि बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष से यह सवाल पूछा जा रहा है। गडकरी ने साफ कहा कि वे पार्टी के नेशनल प्रेसिडेंट बनने की दौड़ में नहीं हैं। बता दें नितिन गडकरी पूर्व में भी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। बीजेपी में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन होना है, लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। इस बाबत जब नितिन गडकरी से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि आपको पूर्व के बजाय वर्तमान अध्यक्ष से इसके बारे में पूछना चाहिए। साथ ही उन्होंने पार्टी अध्यक्ष का पद फिर से संभालने की संभावना से इनकार कर दिया। गडकरी ने साफ कहा कि वह बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनने जा रहे हैं। उन्होंने रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के सेक्टर में जबरदस्त काम किया है। सड़क निर्माण में नई तकनीक के इस्तेमाल को उन्होंने बढ़ावा दिया है। गडकरी पर कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस के कई नेताओं का कहना है कि गडकरी पॉलिसी बनाते हैं और उनका बेटा प्रॉफिट कमाता है। विपक्षी दल का आरोप है कि इथेनॉल को लेकर बनाई गई नीति का सबसे ज्यादा फायदा गडकरी परिवार को मिला है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आरोप का जवाब देते हुए कहा कि हमारे देश में 1400 करोड़ इथेनॉल सरकार खरीदती है। इथेनॉल आने से पहले हमारी शुगर फैक्ट्री थी। करीब 500 से 550 उद्योग इथेनॉल सप्लाई करते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इथेनॉल का टेंडर निकलता है और इसकी कीमत से जुड़े प्रपोजल को कैबिनेट पास करता है। गडकरी ने आगे कहा कि हमारे देश में 22 लाख करोड़ रुपए के फॉसिल फ्यूल (डीजल-पेट्रोल) का आयात होता है। वे इथेनॉल, मिथेनॉल, एलएनजी का प्रचार ग्रीन एनर्जी के लिहाज से करते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गडकरी ने फॉसिल फ्यूल और एयर पॉल्यूशन के कनेक्शन पर कहा कि दिल्ली इसके बारे में बेहतर जानते हैं। दिल्ली में 40 फीसद प्रदूषण फॉसिल फ्यूल से होता है, जिससे लोगों की उम्र कम हो रही है। इसके साथ ही 22 लाख करोड़ रुपया देश की इकोनॉमी से बाहर जा रहा है। ऐसे में क्या भारत को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर नहीं बनना चाहिए? इथेनॉल से गाड़ियों के नुकसान होने के आरोप को भी खारिज किया। उन्होंने इथेनॉल पॉलिसी से अपने परिवार को फायदा होने के आरोपों को खारिज कर दिया। सिराज/ईएमएस 16अक्टूबर25