क्षेत्रीय
18-Oct-2025
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प्रसंग-अंतर्राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस: रणनीतिक चुनौतिया एवं व्यूह रचना पं.ज.ने.व्य.प्रबंध संस्थान गरीबी मुक्त विश्व वैश्विक चुनौती - प्रो.भारद्वाज उज्जैन (ईएमएस)।पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान सम्राट विक्रमादित्य विवि उज्जैन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस: रणनीतिक चुनौतियों पर आयोजित विशेष परिसंवाद हेतु अपने शुभकामना आशीर्वाद वक्तव्य में प्रो भारद्वाज कुलगुरु सम्राट विक्रमादित्य विवि ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, 69 करोड़ से अधिक लोग अत्यधिक आय की गरीबी (प्रतिदिन 2.15 डॉलर से कम) में रहते हैं, तथा विश्व की लगभग आधी जनसंख्या प्रतिदिन 6.85 डॉलर से कम पर जीवनयापन करती है स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर में एक दूसरे से जुड़ी हुई कमी का सामना कर रहे हैं। उक्त परिदृश्य में पं. ज.ने. व्यव. प्रबंध संस्थान का संयुक्त राष्ट्र संपोषणीय विकास लक्ष्यो विशेषकर ल.क्र.1 के संदर्भ में यह आयोजन सामयिक प्रेरक ज्ञानवर्धक है निदेशक एवं फैसिलिटेटर प्रो डा धर्मेंद्र मेहता ने सुदूर पूर्वी अफ्रीकन राष्ट्र डेमोक्रेटिक रिपब्लिक कांगो की राजधानी किंशासा में कार्यरत भारतीय युवाउद्यमी अतिथि लवक्ता इंजी.आशीष मोहिते का परिचय देते हुए बताया कि लगभग 1.1 अरब लोग तीव्र बहुआयामी गरीबी का सामना कर रहे हैं,विश्व की लगभग आधी जनसंख्या प्रतिदिन 6.85 डॉलर से कम पर जीवनयापन करती है, जिससे कई लोग असुरक्षा में जीवन जी रहे हैं। इस अवसर पर युवा उद्यमी अतिथि वक्ता इंजी. आशीष मोहिते ने कांगो की स्थिति पूर्व अफ्रीका के गरीबतम राष्ट्रों में दर्शाते हुए कहा कि आंकड़ों के अनुसार, डीआर कोंगो में लगभग 77% आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रही है। शिक्षा की बात करें, तो यहाँ की साक्षरता दर केवल 77% है, और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण जीवन प्रत्याशा केवल 60 वर्ष है। अपने सारगर्भित विचार साझा करते हुए कहा कि जलवायु संबंधी उतार चढ़ावों का भी सबसे अधिक असर गरीबों पर पड़ता है:दुनिया का सबसे गरीब आधा हिस्सा उत्सर्जन में एक छोटा सा योगदान देता है, फिर भी जलवायु संबंधी खतरों से होने वाली आय की हानि का एक बड़ा हिस्सा उसे ही उठाना पड़ता है। संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) का पहला लक्ष्य है – “सभी रूपों में और हर जगह गरीबी समाप्त करना।” संयुक्त राष्ट्र देशों को ऐसी नीतियां अपनाने के लिए प्रेरित करता है जो सभी वर्गों को शामिल करें और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करें। शोधार्थी रीता जायसवाल, एवं मेहा शर्मा ने वर्ष 2025 दिवस की थीम — “परिवारों के प्रति सम्मान और प्रभावी समर्थन सुनिश्चित कर सामाजिक एवं संस्थागत दुर्व्यवहार का अंत करना।” *इस दिवस प्रसंग पर संस्थान के सेवाभावी कर्मचारी* श्री सत्यनारायण मालवीय का अभिनन्दन भी किया गया अंत में आभार प्रकट करते हुए डा नयनतारा डामोर एवं गोविंद तोमर ने एशियन एवं अफ्रीकन नीति-निर्माताओं से यह आग्रह किया कि सार्वभौमिक स्तरों पर भी गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, रोजगार सृजन योजना,गारंटी सहायता प्रणालियों को हितग्राहियों की उत्पादकता से संबंधित करते अनुकूलतम बनाए जाना चाहिए। .../ 18‎ अक्टूबर/2025