ज़रा हटके
19-Oct-2025
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वॉशिंगटन (ईएमएस)। बच्चे अक्सर जंक फूड की ओर आकर्षित होते हैं और पौष्टिक भोजन से बचते हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार बेहद जरूरी है। माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चों को ऐसे खाद्य पदार्थ न दिए जाएं, जो उनके शरीर और मस्तिष्क के विकास में बाधा डाल सकते हैं। कैंडी और चॉकलेट बच्चों की पसंदीदा चीजें हैं, लेकिन इनमें अत्यधिक शुगर होती है। अधिक शुगर के सेवन से मोटापा, डायबिटीज और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, पास्ता, पिज़्ज़ा और नूडल्स में सोडियम और ट्रांस फैट अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो बच्चों की किडनी और ब्लड प्रेशर के लिए हानिकारक हो सकता है। फ्रेंच फ्राइज और आलू चिप्स भी स्वादिष्ट होते हुए स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हैं, क्योंकि इनमें ट्रांस फैट और नमक अधिक होता है। इसके अलावा, पैक्ड फूड्स में आवश्यक पोषक तत्व नहीं होते और इनमें कृत्रिम रंग तथा प्रिजर्वेटिव्स होते हैं, जो विटामिन और मिनरल्स की कमी कर सकते हैं। बच्चों के आहार में ताजे फल, सब्जियां, दालें और दूध को शामिल करना चाहिए। फल जैसे सेब, केला, संतरा और अनार विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी और ब्रोकली बच्चों के लिए फायदेमंद हैं। दालें, अनाज और दूध से बने उत्पाद बच्चों की हड्डियों और मांसपेशियों के विकास में मदद करते हैं। जंक फूड के बजाय घर पर बने पौष्टिक स्नैक्स जैसे मखाने, मूंगफली, बेक्ड समोसे और हल्की मिठाइयां देना बेहतर विकल्प है। सही खानपान न केवल बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि उनके मानसिक विकास में भी सहायक होता है। बचपन में अच्छे आहार की आदतें डालने से बच्चों का स्वास्थ्य जीवनभर अच्छा बना रहता है। बच्चों को पानी, नारियल पानी, नींबू पानी और ताजे फलों के रस से हाइड्रेट रखना चाहिए और कोल्ड ड्रिंक तथा कैफीन युक्त पेय पदार्थों से दूर रखना चाहिए। शुगर की मात्रा कम करने के लिए मिठास के लिए शहद, गुड़, खजूर और किशमिश जैसी प्राकृतिक चीजें शामिल करें। सुदामा/ईएमएस 19 अक्टूबर 2025