(दीवाली पर विशेष) कोई तीज-त्यौहार हो, शादी अथवा पार्टी में जाने की तैयारी हो या फिर शॉपिंग के लिए मार्किट जाना हो, युवतियां या महिलाएं बगैर श्रृंगार किए घर से बाहर एक कदम भी नहीं रखना चाहती। विभिन्न त्यौहारों पर तो महिलाओं के संजने-संवरने का चलन वैसे भी बहुत पुराना है। करवा चौथ पर भारतीय नारी सोलह श्रृंगार करती ही हैं, दीवाली की चमक-दमक और जगमगाती रात में भी महिलाओं में सजने-संवरने का अलग ही क्रेज होता है। अधिकांश महिलाएं इस खूबसूरत मौके को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहती। एक गृहिणी कुसुम शर्मा कहती हैं कि कहीं पार्टी वगैरह में जाना हो या दीवाली पर श्रृंगार करने की बात हो, अक्सर महिलाएं ऐसी वेशभूषा का ही चयन करती हैं, जो पुरूषों को और खासतौर से पति की आंखों को आकर्षक लगे। पहनावे व मेकअप इत्यादि के मामले में हर पुरूष की अलग रूचि होती है, इसलिए विशेष अवसरों पर भी महिला का पहनावा और मेकअप उस पुरूष की पसंद पर ही निर्भर होता है, जिसके लिए वह तैयार होती है। एक स्थानीय ब्यूटी पार्लर की मालकिन के मुताबिक टी.वी. के कुछ लोकप्रिय धारावाहिकों की महिला पात्रों के फैशन स्टाइल का आज महिलाओं पर इस कदर जादू छाया हुआ है कि आधुनिक और ग्लैमरस दिखने की चाह में अधिकांश महिलाएं अब अपनी ड्रैस, बालों का स्टाइल, बिंदी, लिपस्टिक, मेकअप इत्यादि सभी कुछ इन्हीं की नकल करते हुए अपना रही हैं। इस बारे में एक ब्यूटीशियन बताती हैं कि उनके ब्यूटी पार्लर में आने वाली ज्यादातर महिलाएं अब दीवाली जैसे खास त्यौहारों के मौके पर भी टीवी सीरियलों जैसे ही मेकअप की मांग करने लगी हैं। ज्यादातर महिलाएं जहां कुछ लोकप्रिय टीवी सितारों जैसी ही बिन्दी तथा ज्वैलरी पहनना पसंद करती हैं, वहीं बालों का स्टाइल, स्पैगिटी ब्लाउज, खूबसूरत सूट-सलवार, चूडि़यां, लिपस्टिक और मेकअप भी वैसा ही पसंद करती हैं। जहां तक विभिन्न त्यौहारों पर महिलाओं के सजने-संवरने की बात है तो ज्यादातर महिलाएं इसके लिए अपने पति की पसंद-नापसंद का पूरा ख्याल रखती हैं और उनकी कोशिश होती है कि अपने व्यक्तित्व, अपने परिधानों और अपनी अदाओं से कम से कम इन खास मौकों को खास बना दें। शायद यही वजह है कि करवा चौथ और दीवाली जैसे खास अवसरों पर महिलाएं अब अपने साज-श्रृंगार के लिए ब्यूटी पार्लरों की मदद भी लेने लगी हैं। दीवाली के अवसर पर हर साल बाजार में परम्परागत परिधानों के अलावा हल्के व भारी हर तरह के फैशनेबल कलैक्शन पेश किए जाते रहे हैं। सौन्दर्य विशेषज्ञ मानते हैं कि चूंकि दीवाली रोशनी का त्यौहार है, इसलिए इस अवसर पर कपड़ों के चयन में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है ताकि जगमगाती रात में नारी का सौन्दर्य खिलकर एक अलग ही समां बांध सके। इसके साथ-साथ बालों का स्टाइल और मेकअप भी पूरी तरह से परिधानों से मेल खाता होना चाहिए। वैसे आजकल महिलाओं पर विभिन्न टीवी सीरियलों की नायिकाओं और खलनायिकाओं के फैशन का जादू भी सिर चढ़कर बोल रहा है और दीवाली के मौके पर भी महिलाओं पर टीवी के इस फैशन का प्रभाव अधिक देखा जाता है। दीवाली पर महिलाएं किस प्रकार का श्रृंगार करें और अपने पहनावे व मेकअप के मामले में किन-किन बातों को खास महत्व दें, इस बारे में सौन्दर्य विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं में काफी पहले से ही दीवाली जैसे त्यौहारों पर श्रृंगार करने का क्रेज देखा जाता रहा है, इसलिए अब कई फैशन डिजाइनर इन विशेष अवसरों के लिए न सिर्फ महिलाओं के लिए बल्कि पुरूषों के लिए भी फैशनेबल और व्यक्तित्व को निखारने वाले ऐसे परिधान बनाने लगे हैं, जिनमें उनका व्यक्तित्व पूरी तरह निखरकर सामने आए और वे भीड़ में सबसे अलग दिखें। महिलाओं के लिए खासतौर से डिजाइन की हुई साडि़यां, सूट-दुपट्टा, लहंगा-चोली तथा पुरूषों के लिए शेरवानी, सूट, कोट-पैंट, आकर्षक टाईयां, कमीजें इत्यादि विभिन्न वैरायटी में तैयार किए जाने लगे हैं। कुछ ब्यूटीशियन के मुताबिक सुंदर सी साड़ी में हाथ जोड़कर खड़ी भारतीय नारी की एक अलग तरह की विशिष्ट छवि देखी जाती रही है, इसलिए दीवाली पर महिलाएं कलात्मक जरी बॉर्डर वाली सिल्क साड़ी पहनें तो इसमें वे सबसे ज्यादा खूबसूरत लगती हैं। साड़ी चूंकि हर महिला पर खूब फबती है, भले ही उसकी कैसी भी फिगर क्यों न हो लेकिन इस विशेष अवसर पर साड़ी का चयन करते समय अपने व्यक्तित्व के हिसाब से रंग व डिजाइन पसंद करने की आवश्यकता होती है। इसके अलावा श्रृंगार करते समय ज्वैलरी का चयन भी बहुत मायने रखता है। ज्वैलरी ऐसी पहनें, जो आपकी साड़ी के साथ पूरी तरह मैच करती हो और दीवाली की रोशनी में खूब जगमगाए। इसी से मैच करती हुई चूंडि़यां तथा माथे पर डिजाइनदार बिंदिया लगाकर कोई भी नारी अपने पति का मन मोह लेगी। सलवार और चूड़ीदार कुर्ता भी बहुत सी महिलाओं पर खूब फबता है। (लेखिका डेढ़ दशक से अधिक समय से शिक्षण क्षेत्र में सक्रिय हैं) ईएमएस / 19 अक्टूबर 25