वाशिंगटन(ईएमएस)। इस महीने धरती के पास एक नया धूमकेतु आने वाला है। खगोलविदों का कहना है कि इसे बिना टेलिस्कोप के भी देखा जा सकता है, और रात के आसमान में यह एक खूबसूरत नजारा पेश करेगा। अगर आप आसमान देखने का शौक रखते हैं, तो ये मौका मिस मत करना। सिर्फ इसलिए खास नहीं है कि यह नज़दीक से गुजर रहा है, बल्कि इसलिए भी कि इसके उजाले और चमक को देखकर हमें ब्रह्मांड की खूबसूरती का एहसास होता है। छोटे-छोटे खगोल विज्ञान के शौकीन इससे बड़ी खुशी महसूस करेंगे। हालांकि, बिना टेलिस्कोप या दूरबीन के भी धूमकेतु देखना संभव है, लेकिन अगर आप इसके पूरे आकार और पूंछ की लंबाई को अच्छे से देखना चाहते हैं, तो टेलिस्कोप या दूरबीन इस्तेमाल करें। इससे धूमकेतु की चमक और रंग और साफ नजर आएंगे।इस धूमकेतु को सबसे पहले यूक्रेनी एस्ट्रोनॉमर व्लादिमीर बेज़ुगली ने 10 सितंबर को देखा था। सूरज की गर्मी के कारण धूमकेतु में जमी हुई चीजें सीधे गैस में बदल गईं। यही गैस और धूल सूरज की हवा से फैलती है और धूमकेतु की लंबी चमकती पूंछ बनाती है। यही पूंछ हम सबको धूमकेतु की पहचान देती है। 12 सितंबर को यह धूमकेतु सूरज के सबसे नज़दीक पहुंचा, यानी लगभग 47 मिलियन मील की दूरी पर। इस दौरान इसका चमक स्तर 5.6 मैग्निट्यूड था। मतलब अगर आसमान बिलकुल साफ और अंधेरा हो, तो इसे बिना किसी उपकरण के भी हल्का सा देखा जा सकता है। धूमकेतु की चमक को खगोलविद मैग्निट्यूड से मापते हैं। जितना कम मैग्निट्यूड, उतनी ज्यादा चमक। उदाहरण के लिए, सबसे चमकते सितारों की मैग्निट्यूड प्लस1 होती है, जबकि पूर्णिमा और सूरज की चमक -13 और -27 होती है। वीरेंद्र/ईएमएस 21 अक्टूबर 2025