नई दिल्ली (ईएमएस)। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव संन्यास के बाद से ही गोल्फ खेलते रहे हैं। कपिल का कहना है कि ये खेल काफी आसान दिखता है पर होता नहीं है। अधिकतर लोग शुरुआती दिनों की ट्रेनिंग के बाद ही इसे छोड़ देते हैं। उन्होंने कहा कि लक्ष्य छोटा होने के कारण गोल्फ का खेल सीखना क्रिकेट से भी कठिन है। साथ ही कहा कि गोल्फरों को बेहद अच्छे मार्जिन के साथ काम करना पड़ता है, जिससे खेल कहीं अधिक कठिन हो जाता है। भारत की पहली विश्वकप विजेता टीम के कप्तान ने कहा कि गोल्फ का प्रशिक्षण भी काफी कठिन होता है। अधिकांश खिलाड़ी प्रशिक्षण के शुरुआती 15 दिनों के अंदर ही खेल छोड़ देते हैं। उन्होंने कहा, लक्ष्य जितना छोटा होगा, खेल उतना ही मुश्किल होता है। क्रिकेट में, आप कैसा भी शॉट लगकर स्कोर कर सकते हैं पर गोल्फ में ऐसा नहीं है। इसमें छोटी सी गलती से भी आप बाहर होते हैं।इसमें अधिकतर लोग हार के बाद निराशा में लोग खेल छोड़ देते हैं जबकि मैं चाहता हूं कि प्रतियोगी जीतें और गोल्फ कोर्स में वापस आएं। अपना प्रदर्शन दिखाऐं और खेल का आनंद लें। यही सबसे अहम बात है। इस महान ऑलराउंडर ने कहा, गोल्फ एक ऐसा खेल है जिसे आप किसी भी उम्र में खेल सकते हैं। एक क्रिकेटर या फुटबॉलर के लिए 50 साल की उम्र में गेंदबाजी करना या दौड़ना संभव नहीं है। यहां, आप अपने पिता, अपने पोते-पोतियों, अपने दोस्तों, अपनी पत्नी के साथ खेल सकते हैं। यही कारण है कि यह खेल बड़ा है और तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। गिरजा/ईएमएस 21 अक्टूबर 2025