ज़रा हटके
21-Oct-2025
...


जेनेवा(ईएमएस)। थाईलैंड की सीमा से कंबोडिया की तरफ बेहद डरावनी आवाजें आ रहीं हैं। कभी बच्चों के रोने की आवाज आती है तो कभी चीखने चिल्लाने की, तो कभी खनकती पायल की आवाज सुनाई देती है। इससे सीमा से सटे गांवों में रहने वाले लोगों की नींद हराम हो गई है। लोग डरे हुए है और दहशत में जी रहे हैं। इस आशय की शिकायत कंबोडिया ने यूएन में की है। आरोप है कि थाईलैंड जानबूझकर इस तरह की हरकतें कर रहा है और युद्ध के लिए उकसा रहा है। बता दें कि सीमा विवाद उस समय बढ़ा, जब जुलाई में दोनों देशों के बीच हुई भीषण झड़पों के बाद मलेशिया की मध्यस्थता में संघर्षविराम हुआ था। उस झड़प में करीब 40 लोग मारे गए थे और हजारों लोग विस्थापित हो गए थे। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर तोप और हवाई हमले किए थे। ये झड़प पिछले 10 साल में सबसे भीषण माना गया था, जो थाईलैंड के सुरिन प्रांत में स्थित ता मोआन थॉम मंदिर के पास शुरू हुई थी। बाद में मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की मध्यस्थता और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बातचीत के बाद 28 जुलाई को सीजफायर हुआ था। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच पिछले दिनों जो सीमा विवाद चल रहा था, उसके बारे में सभी जानते हैं। दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए थे और बीच-बचाव के बाद परिस्थितियां सामान्य तो हुईं लेकिन सीमा पर अब अलग ही किस्म का युद्ध शुरू हो गया है। इसमें कोई गोले-बारूद या बंदूकें नहीं चल रही हैं बल्कि अजीबोगरीब आवाजें आ रही हैं। कंबोडिया का आरोप है कि उन्हें थाईलैंड की ओर से कुछ भूतियां आवाजें सुनाई दे रही हैं। कंबोडिया के सीनेट अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन ने थाईलैंड पर सीमा क्षेत्र में रात के समय भूतिया आवाजें बजाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि थाईलैंड यह कदम साइकोलॉजिकल वॉरफेयर यानि डराने के उद्देश्य से उठा रहा है। हुन सेन ने बताया कि कंबोडिया के मानवाधिकार आयोग ने संयुक्त राष्ट्र से जांच की मांग की है। उनके मुताबिक 10 अक्टूबर से सीमा पर रात के समय तेज और डरावनी आवाजें आ रही हैं, जो खौफ पैदा करती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जैसे ही रात होती है, सीमा के पास से रोते बच्चों की, कुत्तों के भौंकने की, जंजीरों की खनक और हेलिकॉप्टरों के उड़ने की आवाजें आनी शुरू हो जाती हैं। इन आवाजों की वजह से सीमा के पास रहने वाले लोग चैन से सो नहीं पा रहे हैं और डर की वजह से बेचैन रहते हैं। खासतौर पर बुजुर्गों, बीमारों, महिलाओं और बच्चों पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। ये आवाजें लाउड स्पीकर के जरिये चलाई जा रही हैं, जो सीमा पार तक आती हैं। चाइल्ड राइट्स कोएलिशन कंबोडिया संगठन ने कहा कि लगातार चल रही इन आवाज़ों का बच्चों की मानसिक सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा है। थाईलैंड के एक एनफ्लुएंसर कनावत पोंगपइबल्वेच ने बताया कि उसने ये अजीबोगरीब आवाजें चलाई हैं और इसके लिए उसे थाईलैंड की आर्मी से अनुमति भी मिली थी। ये आवाजें थाईलैंड की सीमा की सुरक्षा के लिए प्रसारित की जा रही थीं। जुलाई में दोनों देशों के बीच तनाव की शुरुआत थाईलैंड के ता मोआन थॉम मंदिर के पास से हुई थी और अब ये आवाजें वहीं से सुनाई दे रही हैं। दक्षिण कोरिया भी लगाता है ऐसे ही स्पीकर थाईलैंड और कंबोडिया की तरह ही उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच सीमा पर तनाव जब बढ़ता है, तो दक्षिण कोरिया की ओर से बड़े-बड़े लाउड स्पीकर लगाए जाते हैं। हालांकि इन स्पीकरों के जरिये साउथ कोरिया, नॉर्थ के खिलाफ प्रोपेगेंडा को प्रसारित करता है। कई बार इन आवाजों को लेकर दोनों देशों में तनातनी भी हो चुकी है। जब भी दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधारने होते हैं, तो साउथ कोरिया इन स्पीकरों को हटाता है और तनाव बढ़ने पर ये लगा दिए जाते हैं। वीरेंद्र/ईएमएस/21अक्टूबर2025