सभी एसपी को जारी होगें थानो के मालखानो की निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश भोपाल(ईएमएस)। बालाघाट जिले के एक थाने के मालखाने से लाखों रुपये की जब्त नकदी गायब होने की घटना के को लेकर पुलिस मुख्यालय को भी परेशानी में डाल दिया है। इस घटना के बाद अब पीएचक्यू के अफसर मालखाने की नियमित चैकिंग को लेकर एक बार फिर पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित करने जा रहे हैं। इस गंभीर लापरवाही के बाद पीएचक्यू की औश्र से जिला पुलिस अधीक्षकों को सख्त निर्देश जारी किए जाने वाले हैं, जिसमें उन्हें ताकीद किया जाएगा कि वे अपने-अपने जिलों के सभी थानों के मालखाने की सतत निगरानी सुनिश्चित करें। गौरतलब है कि पीएचक्यू को यह कदम इसलिये उठाया पड़ रहा है जब प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि बालाघाट में महीनों से किसी भी आाला अधिकारी ने थाने के मालखाने का निरीक्षण नहीं किया था। जबकि नियमों के अनुसार थाना प्रभारी, एसडीओपी, सीएसपी, एएसपी, एसपी और आगे रेंज स्तर तक के अधिकारी (डीआईजी, आईजी-एडीजी) को नियमित अंतराल पर मालखाने की जांच करनी होती है। इस लापरवाही के कारण लाखों रुपये की चोरी हो गई और किसी को भनक तक नहीं लगी। सूत्रो के मुताबिक इस संबंध में आला अफसर जल्द ही निर्देश जारी करने वाले हैं, जिसमें पूरे प्रदेश के थानों में मालखाने की जांच रिपोर्ट भी तलब की जा सकती हैं। सभी जिलों से पूछा जाएगा कि पिछले एक साल में किन अधिकारियों ने निरीक्षण किया, निरीक्षण डायरी में क्या टिप्पणियां दर्ज की गईं और रिपोर्ट कब भेजी गई। जिन जिलों में नियमों की अनदेखी पाई जाएगी, वहां संबंधित अधिकारियों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश भी पीएचक्यू संबधित इलाके के एसपी को दे सकते हैं। * प्रदेश में लगभग 1150 पुलिस थाने प्रदेश में लगभग 1150 पुलिस थाने हैं, जिनमें बरामद नकदी, आभूषण, मादक पदार्थ, शराब और दस्तावेज जैसी वस्तुएं मालखानों में रखी जाती हैं। नियमों में यह साफ है कि हर थाना प्रभारी भी लगातार मालखाने की स्थिति जांचेंगे और चाबी अपने पास रखेगा। साथ ही, एसपी खुद भी फील्ड विजिट के दौरान मालखाने का भौतिक सत्यापन करेंगे। उच्च अफसर थाने के निरीक्षण के दौरान मालखाने की एंट्री, स्टॉक और भौतिक स्थिति की जांच अनिवार्य रूप से करेंगे। बालाघाट में सामने आई लापरवाही के बाद अब जिलों को निर्देशित किया जाने वाला है कि निरीक्षण की तारीखें और रिपोर्ट अब पीएचक्यू को ऑनलाइन भेजी जाएं, जिससे लापरवाही तुरंत चिन्हित की जा सके। जुनेद / 21 अक्टूबर