* खेतों में पानी भरने से देरी से निकल रही हैं धान की बालियां कोरबा (ईएमएस) सिंचाई के लिए पानी की मांग अब नहीं है। इसके बाद भी नहरों से पानी छोड़ा जा रहा है। किसान खेतों में पानी नहीं रोक रहे हैं। इस वजह से खेतों से होते हुए पानी नदी और नालों में जा रहा है। खेतों में पानी भरने की वजह से धान की बालियां निकलने में समय लग रहा है। कहां कितनी पानी की जरूरत है, इसकी निगरानी भी नहीं हो पा रही है। अभी दोनों नहरों में 4260 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। बांगो बांध की सिंचाई क्षमता ढाई लाख हेक्टेयर है। जिले में करीब 5 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होती है। इस साल अच्छी बारिश की वजह से सिंचाई के लिए पानी की मांग काफी कम रही। इस वजह से नहरों की क्षमता से कम पानी छोड़ना पड़ा। अभी भी एक नहर में करीब 2600 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। अब धान की बालियां निकलने लगी है। नहर का पानी आने से बालियां निकालने में देरी हो रही है। इस वजह से कई किसान परेशान हैं। सारागांव शाखा नहर से उमरेली, सुखरीकला क्षेत्र में सिंचाई होती है, लेकिन नहर का पानी अब सीधे सोन नदी में जा रहा है। नवापारा के किसान ने बताया कि जिन खेतों में पानी की धार चल रही है, वहां धान की बालियां निकलने में समय लग रहा है। इसके पीछे लगी फसल की बालियां निकल चुकी हैं। इस वजह से अब नहर को बंद करना चाहिए। * छठ पूजा तक नहीं छोड़ेंगे हसदेव दर्री बराज से रोजाना पानी छोड़ने की नौबत थी, लेकिन अब छठ पूजा तक पानी नहीं छोड़ेंगे। सिंचाई के लिए भी मांग कम होने से हाइडल पावर प्लांट को 72 घंटे के बजाय 38 घंटे ही चला रहे हैं। इससे करीब 4500 क्यूसेक पानी आ रहा है, जिसे नहरों में छोड़ रहे हैं। फसल देरी से तैयार होती है * कृषि विभाग के उपसंचालक डीपीएस श्री कंवर ने कहा धान की बालियां निकलने पर पानी की अधिक जरूरत नहीं होती। खेत में नमी से होने से फसल लेट में तैयार होती है। 24 अक्टूबर / मित्तल