अंतर्राष्ट्रीय
24-Oct-2025
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वाशिंगटन(ईएमएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर लगाए गए नए प्रतिबंधों को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बयानों को खारिज करते हुए कहा कि इनका असर अगले छह महीनों में साफ दिखेगा। वाइट हाउस में गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने पुतिन के बयान, जिसमें उन्होंने प्रतिबंधों को रूसी अर्थव्यवस्था पर बेअसर बताया, पर तंज कसते हुए कहा, छह महीने बाद मैं आपको बताऊंगा कि क्या हुआ। देखते हैं आगे क्या होता है। ट्रंप ने बुधवार को रूस की दो प्रमुख तेल कंपनियों, रोसनेफ्ट और लुकोइल, पर प्रतिबंधों की घोषणा की थी, ताकि यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए रूस पर दबाव बनाया जा सके। इन प्रतिबंधों के बाद वैश्विक तेल कीमतों में 5 प्रतिशत की उछाल देखी गई। यह ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में यूक्रेन युद्ध से जुड़ा पहला बड़ा कदम है। पुतिन ने इसे रूस पर दबाव की कोशिश करार दिया, लेकिन कहा कि कोई स्वाभिमानी देश दबाव में नहीं झुकता। भारत पर असर ट्रंप ने दावा किया कि भारत रूस से तेल आयात कम करेगा, हालांकि भारत सरकार ने इसकी पुष्टि नहीं की है। प्रतिबंधों के तहत रूसी कंपनियों को अमेरिकी डॉलर आधारित भुगतान प्रणाली से हटाया जाएगा, जिसके चलते भारत और चीन के रिफाइनर अपने आयात समझौतों की समीक्षा कर रहे हैं। ट्रंप ने यूक्रेन मुद्दे पर पुतिन के साथ बुडापेस्ट में प्रस्तावित बैठक भी रद्द कर दी, क्योंकि उन्हें इसमें अपेक्षित परिणाम की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने भविष्य में बैठक की संभावना जताई। बता दें कि अमेरिका लगातार रुस को चौतरफा घेरने का प्रयास कर रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहते है कि रुस दबाव में आकर यूक्रेन से युद्ध बंद कर दे। इसके लिए अमेरिका ने कई देशों को न केवल धमकाया है बल्कि प्रतिबंध लगाकर उन पर दबाव बनाने का प्रयास किया है। जबकि ट्रंप के टेरिफ से दुनिया के कई देशों से अमेरिका के संबंध खराब हुए हैं। हालांकि जानकारों का मानना है कि इससे अमेरिका को भी नुकसान हुआ है और भविष्य में यह नुकसान बढ़ने की आशंका है। खुद अमेरिका के लोग ट्रंप से नाराज है और उनकी नीतियों का विरोध कर रहे हैं। इसके बाद भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी नीतियों में बदलाव करने को तैयार नहीं है और एक जिद और जुनून के साथ काम करने पर विश्वास कर रहे हैं। वीरेंद्र/ईएमएस/24अक्टूबर2025 ------------------------------------