24-Oct-2025
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ढाका,(ईएमएस)। बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (आईसीटी) ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोपों से जुड़े एक मुकदमे की सुनवाई पूरी कर ली है। ट्रिब्यूनल अब 13 नवंबर को फैसला सुनाएगा। इन आरोपों में उत्पीड़न और जबरन गायब करने जैसी घटनाएँ शामिल हैं। शेख हसीना को अगस्त 2024 में छात्र-आंदोलन के बाद सत्ता से बेदखल किया गया था और उन्हें देश छोड़ना पड़ा था। हसीना देश छोड़कर भारत पहुंची और अब भारत में रह रही है। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन किया और यूनुस को उस सरकार का प्रमुख बनाया है। बांग्लादेश के आईसीटी द्वारा शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराधों के मामले में फैसला 13 नवंबर को सुनाया जाएगा। उन पर कई लोगों के उत्पीड़न और जबरन गायब करने जैसी घटनाओं में शामिल होने का आरोप है, जिसे मानवता के खिलाफ अपराध बताया गया है। हसीना को अगस्त 2024 में छात्र-आंदोलन द्वारा सत्ता से हटाए जाने के बाद देश छोड़ना पड़ा था। नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया है। सुनवाई के दौरान हसीना के वकील, मो. अमीर हुसैन, ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अपराध के डर से नहीं भागीं, बल्कि उन्हें मजबूर होकर जाना पड़ा। उन्होंने छिपकर नहीं, बल्कि हेलिकॉप्टर से खुलेआम प्रस्थान किया। वकील ने तर्क दिया कि किसी अपराध को मानवता के खिलाफ अपराध तब कहा जा सकता है जब किसी समुदाय, राष्ट्र या समूह को खत्म करने का इरादा हो, जैसा कि यहां नहीं हुआ। 8 अक्टूबर को आईसीटी ने शेख हसीना सहित 30 आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे, जो जबरन गायब किए गए लोगों और मानवता के खिलाफ अपराधों से जुड़े थे। हसीना के अलावा, पूर्व गृह मंत्री असदुज़्ज़मान खान, पूर्व रक्षा सलाहकार सेवानिवृत्त मेजर जनरल तारिक अहमद सिद्दीकी और पूर्व पुलिस प्रमुख बेनज़ीर अहमद के खिलाफ भी वारंट जारी किए गए थे। हसीना और दो अन्य के खिलाफ 2024 के छात्र विरोधी आंदोलन के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों से जुड़े मामलों में बचाव पक्ष की अंतिम दलीलें गुरुवार (सूचना के प्रकाशन से पहले) को पूरी हुईं। आशीष दुबे / 24 अक्टूबर 2025