पटना,(ईएमएस)। बिहार विधानसभा चुनाव के मतदान की तारीख ज्यों-ज्यों करीब आ रही है चुनावी माहौल अपने शबाब में आता जा रहा है। इसी कड़ी में शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खगड़िया, मुंगेर और नालंदा में एनडीए के समर्थन में चुनावी रैलियों को संबोधित किया। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि यह चुनाव केवल सरकार बदलने का नहीं, बल्कि जंगलराज और विकास के राज के बीच फैसला करने का चुनाव है। खगड़िया में जनसभा को संबोधित कर रहे अमित शाह ने कहा, कि एनडीए सरकार ने बिहार को नक्सलवाद से मुक्त कराया है। अब तय करना है कि क्या आप लालू-राबड़ी के जंगलराज को वापस लाना चाहते हैं या फिर विकास के राज को आगे बढ़ाना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि अगर एनडीए की सरकार बनी रही तो विकसित बिहार की पहचान पूरे देश में स्थापित होगी। शाह ने कहा, एनडीए गठबंधन में पाँच पांडव हैं, बिहार की जनता इन्हें आशीर्वाद दे और विजयी बनाए। वहीं, जदयू नेता राजीव रंजन प्रसाद ने महागठबंधन पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि बिहार की जनता अब कभी नहीं चाहेगी कि लालटेन युग लौटे। उन्होंने तेजस्वी यादव के 20 महीने में बिहार बदलने के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि क्या राजद फिर से बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देना चाहता है? प्रसाद ने कहा कि राजद के नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर मामले चल रहे हैं और उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष सजायाफ्ता हैं। वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि महागठबंधन बिहार को लूटने का एजेंडा चला रहा है। उन्होंने विपक्षी नेताओं को भ्रष्ट युवराज और युवरानियां बताते हुए कहा कि यह गठबंधन न तो आपस में एकजुट है और न ही जनता के मुद्दों पर स्पष्ट। यहां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है और केवल भ्रम फैलाने की राजनीति कर रहा है। इन बयानों के साथ ही बिहार का चुनावी संग्राम और तीखा हो गया है। एनडीए जहां “विकास बनाम जंगलराज” का मुद्दा उछाल रही है, वहीं महागठबंधन रोजगार और भ्रष्टाचार के सवालों पर सरकार को घेरने की रणनीति में जुटा है। हिदायत/ईएमएस 25अक्टूबर25