नई दिल्ली(ईएमएस)। भारत के 007 जेम्स बांड कहे जाने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पर पूरे देश को गर्व है। डोभाल देश की वो धरोहर हैं जो दुनिया में गिने चुने देशों के पास ही है। ये सब उन्होंने बिना मोबाइल और इंटरनेट के संजोया है। उन्होंने खुद एक साक्षात्कार में खुलासा करते हुए कहा है कि आज की तारीख में भी वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करते। वह एक स्पाइमैन हैं और आज भी वह एक स्पाइमैन की तरह ही रहते हैं। उन्होंने हाल ही में एक साक्षात्कार में इस बात का खुलासा किया है। डोभाल ने कहा कि वह न तो मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं और न ही इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटर का। अजीत डोभाल को भारत का साइलेंट सेंटिनल कहा जाता है, जिनकी देशभक्ति, सटीकता और अप्रत्याशित रणनीतियों ने भारत को कई सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में मदद की है। चाहे वह 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक हो, 2019 का बालाकोट हवाई हमला हो या फिर कश्मीर को लेकर सुरक्षा नीतियां… डोभाल ने हमेशा अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता दी है। लोग उन्हें ‘भारत का 007’ यानी भारत का जेंस बॉन्ड बताते हैं, जो बिना फोन और कंप्यूटर के अपने मिशन को अंजाम देते हैं। डोभाल ने कहा कि मैं एक छोटा राज साझा करता हूं। मेरे पास मोबाइल फोन नहीं है, मैं इसका मालिक नहीं हूं। मैं बिना फोन के पूरी तरह काम कर लेता हूं। लोग अक्सर हैरान होते हैं कि मैं बिना मोबाइल के कैसे काम करता हूं, लेकिन मुझे पता है कि यह सुरक्षित नहीं है। मैं इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटर का भी उपयोग नहीं करता। मेरे लिए यह सिर्फ एक टाइपराइटर है, एक उपकरण है, इससे ज्यादा कुछ नहीं। मैं डिजिटल पत्राचार नहीं रखता और न ही किसी डिवाइस पर निर्भर हूं।आज के डिजिटल युग में जहां दुनिया स्मार्टफोन और इंटरनेट से बंधी है, डोभाल का यह दृष्टिकोण उन्हें एक अनूठा रणनीतिकार बनाता है। एक पूर्व जासूस के रूप में वह कोई डिजिटल निशान नहीं छोड़ते, जिससे उनकी गतिविधियां पूरी तरह गोपनीय रहती हैं। उनकी इस शैली ने न केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की है, बल्कि उन्हें भारत के सबसे प्रभावी सुरक्षा रणनीतिकारों में से एक बनाया है। डोभाल की यह रणनीति साइबर खतरों और सर्विलांस के दौर में एक मास्टरस्ट्रोक मानी जाती है, जहां डिजिटल फुटप्रिंट किसी की भी गोपनीयता को खतरे में डाल सकता है। डोभाल का यह बयान तब आया है, जब वैश्विक स्तर पर साइबर जासूसी और डेटा चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं। उनकी यह जीवनशैली न केवल उनकी जासूसी पृष्ठभूमि को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि वह तकनीक को नियंत्रित करते हैं, न कि तकनीक उन्हें। वीरेंद्र/ईएमएस/26अक्टूबर2025