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27-Oct-2025
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- ‘हम तो दर्शन करने चले आए’ बन गया चर्चा का विषय - खरना के प्रसाद संग सियासत का स्वाद, बिहार की राजनीति में संकेतों की नई लकीर - छठ की भक्ति और सियासत का संगम - बिहार की राजनीति में फिर दिखी “प्रसाद वाली राजनीति” की झलक। पटना (ईएमएस)। लोक आस्था के महापर्व छठ पर जहां श्रद्धा और भक्ति का माहौल है, वहीं बिहार की राजनीति में भी धार्मिक मंच से नए संकेत उभरने लगे हैं। रविवार की शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के आवास पर पहुंचे और वहां आयोजित खरना पूजा में शामिल हुए। उन्होंने छठ का प्रसाद ग्रहण किया और चिराग पासवान से आत्मीय बातचीत भी की। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में रही नीतीश कुमार की मुस्कुराती टिप्पणी, जिसमे उन्होंने कहा “क्या जी… हम तो ऐसे ही दर्शन करने चले आए।” राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात को महज औपचारिकता नहीं, बल्कि आगामी लोकसभा और विधानसभा समीकरणों से जोड़कर देखा जा रहा है। विशेष रूप से इसलिए क्योंकि बीते कुछ महीनों से एनडीए में अंदरूनी समीकरणों को लेकर लगातार चर्चाएं चल रही हैं। ऐसे में नीतीश कुमार का यह कदम न सिर्फ सद्भाव का संदेश देता है बल्कि यह भी संकेत देता है कि गठबंधन के भीतर रिश्ते मधुर बनाए रखने की कोशिश जारी है। चिराग पासवान ने भी मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि “मुख्यमंत्री जी का आना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। छठ बिहार की अस्मिता और एकता का प्रतीक है।” सूत्रों के मुताबिक, इस मौके पर दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक मुद्दों पर भी हल्की-फुल्की चर्चा हुई। हालांकि किसी ने इसे सार्वजनिक नहीं किया, लेकिन माहौल बेहद सहज और आत्मीय बताया जा रहा है। छठ जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन में नीतीश कुमार की यह मुलाकात बिहार की सियासत में एक नई नरमी का संकेत दे रही है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि आने वाले दिनों में लोजपा (रामविलास) और जदयू के बीच रिश्तों में यह सौहार्द भविष्य की रणनीति का हिस्सा बन सकता है। अंकित