राष्ट्रीय
28-Oct-2025
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इन ट्रेनों को तीन श्रेणियों में बांटा गया नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारतीय रेलवे अब यात्रियों को सिर्फ एक से दूसरे स्थान तक पहुंचाने तक सीमित नहीं रखना चाहता, बल्कि यात्रा को एक बेहतर अनुभव बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। वंदे भारत की रफ्तार और अमृत भारत की सुविधा के बाद अब रेलवे ने ‘भारत गौरव’ नामक थीम आधारित ट्रेनों की शुरुआत की है, इसका उद्देश्य देश में पर्यटन और तीर्थ यात्राओं को नई ऊंचाई देना है। ये ट्रेन खासतौर पर उन लोगों के लिए डिजाइन की गई हैं, जो भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत, पवित्र स्थलों और ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना चाहते हैं। इस बात को ध्यान में रखकर भारतीय रेलवे भारत गौरव ट्रेन लेकर आया है। ‘भारत गौरव’ ट्रेनों की टिकट बुकिंग आईआरसीटीसी टूरिज्म की वेबसाइट पर बेहद आसानी से की जा सकती है। ये ट्रेन देश के कोने-कोने में यात्रियों को लेकर जाती हैं और हर यात्रा के साथ एक नई कहानी, एक नया अनुभव जोड़ती हैं। इन ट्रेनों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है, ताकि हर बजट और सुविधा के अनुरूप यात्री अपनी पसंद चुन सकें। पहली श्रेणी में ‘भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेन’ शामिल है, जिसमें स्लीपर, थर्ड एसी और सेकंड एसी कोच लगे हैं। करीब 700 से 800 यात्री इस ट्रेन में सफर कर सकते हैं। यह ट्रेन ग्रुप ट्रैवल और तीर्थ यात्राओं के लिए किफायती विकल्प साबित हो रही है। दूसरी श्रेणी ‘डीलक्स एसी भारत गौरव ट्रेन’ है, जो लग्जरी और आराम का अनुभव देती है। इसमें फर्स्ट, सेकंड और थर्ड एसी कोच हैं और हर डिब्बे में इलेक्ट्रॉनिक तिजोरी, फुट मसाजर, बड़े इंफोटेनमेंट स्क्रीन, आधुनिक बाथरूम और सीसीटीवी जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। यात्रियों को यह ट्रेन किसी पांच सितारा होटल जैसी अनुभूति देती है। तीसरी श्रेणी ‘कर्नाटक भारत गौरव पर्यटक ट्रेन’ है, जिसे कर्नाटक सरकार और आईआरसीटीसी संयुक्त रूप से चला रहे हैं। यह ट्रेन काशी, प्रयागराज, गया और अयोध्या जैसे धार्मिक स्थलों की यात्रा कराती है। पूरी तरह एसी यह ट्रेन 700 यात्रियों की क्षमता वाली है और इसमें कर्नाटक की सांस्कृतिक झलकियां बाहरी डिजाइनों में उकेरी गई हैं। खास बात यह है कि तीर्थयात्रियों को कर्नाटक सरकार की ओर से सब्सिडी भी मिलती है, जिससे यात्रा किफायती होती है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ‘भारत गौरव’ ट्रेनें केवल परिवहन का साधन नहीं, बल्कि भारत की आत्मा से जुड़ने का माध्यम हैं। ये यात्राएं यात्रियों को अपने देश की परंपरा, इतिहास और आस्था से जोड़ती हैं। वर्तमान में रामायण सर्किट, ज्योतिर्लिंग यात्रा, बौद्ध सर्किट और पूर्वोत्तर दर्शन जैसे रूट्स पर ये ट्रेनें संचालित हैं, और जल्द ही कई नए रूट्स भी जोड़े जाएंगे। आशीष/ईएमएस 28 अक्टूबर 2025