राष्ट्रीय
28-Oct-2025
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पटना,(ईएमएस)। बिहार में विधानसभा चुनाव का प्रचार चरम पर है। ऐसे में राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी आईआरसीटीसी घोटाला मामले में अदालत के चक्कर लगा रहे हैं। इस पर यादव दंपत्ति ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में एक अर्जी दाखिल कर रोजाना होने वाली सुनवाई पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि आईआरसीटीसी घोटाले से जुड़े इस मामले में चार आपराधिक केस एक साथ चल रहे हैं, जिनमें वही वकील पेश हो रहे हैं इसलिए रोजाना ट्रायल से केस की तैयारी मुश्किल हो रही है। इसलिए रोजाना की सुनवाई पर रोक लगाई जाना चाहिए। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने इस मांग का विरोध करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई तेजी से की जानी चाहिए। इस पर विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि निचली अदालतों ने रोजाना सुनवाई की परंपरा खो दी है। कोर्ट ने लालू यादव की ओर से दायर आवेदन की प्रति सीबीआई को देने और जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। जानकारी के मुताबिक, वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कोर्ट में कहा कि यह मामला करीब 18,000 पन्नों की चार्जशीट और 250 पन्नों के आदेश से जुड़ा है, जिसे समझने के लिए वक्त चाहिए। उन्होंने कहा, माननीय न्यायालय ने चार महीने में आदेश तैयार किया है, हमें भी अध्ययन का उचित अवसर मिलना चाहिए। हमारे मुवक्किल चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, ऐसे में रोज़ाना सुनवाई व्यावहारिक नहीं है। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के एक गवाह की मुख्य जिरह भी की, जिसे आगे क्रॉस एग्जामिनेशन के लिए बुलाया जाएगा। सीबीआई का आरोप है कि जब लालू यादव रेलवे मंत्री थे (2004–2009), तब रांची और पुरी के आईआरसीटीसी होटलों को एक निजी कंपनी को पट्टे पर देने के बदले उनके परिवार ने करोड़ों की ज़मीन और शेयर रिश्वत में लिए। लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव सभी ने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। कोर्ट ने 13 अक्टूबर को तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार, साजिश और धोखाधड़ी के आरोप तय किए थे, जिसके बाद रोजाना ट्रायल का आदेश दिया गया था। वीरेंद्र/ईएमएस/28अक्टूबर2025