राष्ट्रीय
28-Oct-2025


रांची(ईएमएस)। झारखंड में छठ पूजा के दौरान विभिन्न जलाशयों में डूबने की दुखद घटनाओं का सिलसिला थम नहीं रहा है। सोमवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में पांच और बच्चों की डूबकर मौत हो जाने से पिछले दो दिनों में डूबने से मरने वालों की कुल संख्या 11 तक पहुंच गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इनमें से अधिकांश मौतें छठ व्रत के दौरान अर्घ्य देने या नहाने के समय हुईं। इसके अलावा, सोमवार को ही एक नाबालिग लड़का और दो पुरुष जलाशयों में लापता हो गए, जिनकी तलाश जारी है।पुलिस के मुताबिक हजारीबाग, गढ़वा और सिमडेगा जिलों में पांच बच्चों की मौत हुई। इससे पहले रविवार को सिमडेगा और पलामू जिलों में छह अन्य लोगों की जान डूबने से गई थी। हजारीबाग जिले के केरेडारी थाना क्षेत्र अंतर्गत बेला गांव में रविवार शाम छठ पूजा के दौरान एक तालाब में दो लड़कियां गुनगुन कुमारी (11 वर्ष) और रूपा तिवारी (12 वर्ष) डूब गईं। स्थानीय लोगों ने दोनों को पानी से बाहर निकाला, लेकिन अस्पताल पहुंचते-पहुंचते उनकी मौत हो चुकी थी। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। गढ़वा जिले के सदर थाना क्षेत्र में सोमवार दोपहर दानरो नदी में नहाते समय 13 वर्षीय राहुल कुमार की डूबने से मौत हो गई। सदर थाना प्रभारी सुनील तिवारी ने बताया कि राहुल नदी किनारे नहा रहा था, लेकिन अचानक गहरे पानी में चला गया। आसपास के लोगों ने उसे तुरंत बाहर निकाला और सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। राहुल का परिवार छठ पूजा मनाने आया था और नदी में स्नान करने के दौरान यह हादसा हुआ। सिमडेगा जिले के बानो थाना क्षेत्र के मयंगसोर गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जहां ढाई साल की एक मासूम बच्ची घर में पानी से भरी बाल्टी में डूब गई। पुलिस अधिकारी के अनुसार, घटना के समय बच्ची और उसकी दादी घर पर अकेले थे। दादी किसी काम से दूसरे कमरे में चली गईं, लेकिन जब लौटीं तो बच्ची को बाल्टी में डूबा हुआ पाया। तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बच्ची की जान नहीं बचाई जा सकी। यह घटना छठ पूजा से सीधे जुड़ी नहीं है, लेकिन घरेलू लापरवाही का शिकार बनी।सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल थाना क्षेत्र में सोमवार शाम छठ पूजा के अर्घ्य देने के बाद सुवर्णरेखा नदी के साहेरबेरा घाट के पास एक और दर्दनाक हादसा हुआ। 14 वर्षीय आर्यन यादव नदी के खतरनाक क्षेत्र में चला गया और डूबने लगा। चांडिल थाना प्रभारी दिलशान बिरुआ ने बताया कि आर्यन को बचाने के लिए प्रतीक कुमार यादव (19 वर्ष) और संजय सिंह (45 वर्ष) नदी में कूद पड़े। एनडीआरएफ की टीम और स्थानीय गोताखोरों ने देर रात तक खोजबीन की, जिसमें आर्यन का शव बरामद हो गया। हालांकि, प्रतीक और संजय अभी भी लापता हैं। उनकी तलाश मंगलवार सुबह से फिर शुरू की जाएगी। पलामू जिले में सोमवार को ही एक और नाबालिग लापता हो गया। हुसैनाबाद थाना क्षेत्र के विष्णुपुर गांव में चौरा पुल के पास 16 वर्षीय लड़का नहर में कूद गया और उसका कोई पता नहीं चला। पुलिस और स्थानीय लोग तलाश में जुटे हैं। रविवार को सिमडेगा में तीन बच्चे तालाब में डूबकर मारे गए थे, जबकि पलामू में भी तीन अन्य लोगों की मौत इसी तरह हुई थी।पुलिस ने सभी घटनाओं की जांच शुरू कर दी है और लोगों से जलाशयों के पास सावधानी बरतने की अपील की है। छठ पूजा के दौरान बड़ी संख्या में लोग तालाबों, नदियों और नहरों के किनारे जमा होते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। प्रशासन ने घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है, लेकिन घरेलू बाल्टी जैसी छोटी घटनाएं भी चिंता का विषय बनी हुई हैं। ये मौतें न केवल परिवारों के लिए अपूरणीय क्षति हैं, बल्कि पूरे राज्य में सुरक्षा जागरूकता की कमी को भी उजागर करती हैं। वीरेंद्र/ईएमएस/28अक्टूबर2025