राष्ट्रीय
28-Oct-2025
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नई दिल्ली(ईएमएस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चेतावनी दी कि भारत को हर पल युद्ध जैसी स्थिति के लिए तैयार रहना होगा, क्योंकि मई में पाकिस्तान के साथ चार दिवसीय सैन्य संघर्ष ने सिद्ध कर दिया कि सीमाओं पर कभी भी कुछ भी हो सकता है। एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को दिए कड़े जवाब को भविष्य की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की रूपरेखा बनाने और सीखने के लिए एक केस स्टडी के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि 7-10 मई के इस अभियान में स्वदेशी हथियारों के प्रभावी उपयोग ने भारत की क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को नई ऊंचाई दी, लेकिन यह युद्ध को दरवाजे पर दस्तक देने जैसी स्थिति भी पैदा कर गया। 2014 से पहले आयात पर पूर्ण निर्भरता के दौर को याद करते हुए सिंह ने बताया कि रक्षा उत्पादन 46,000 करोड़ से बढ़कर रिकॉर्ड 1.51 लाख करोड़ रुपये हो गया, जिसमें निजी क्षेत्र का 33,000 करोड़ का योगदान है। निर्यात 1,000 करोड़ से कम से बढ़कर 24,000 करोड़ पर पहुंचा और मार्च 2026 तक 30,000 करोड़ का लक्ष्य है। क्वांटम मिशन, अटल नवाचार मिशन, राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन जैसी पहलों से नवाचार संस्कृति विकसित की जा रही है। उद्योग से आग्रह किया कि केवल पूर्ण प्लेटफॉर्म ही नहीं, उप-प्रणालियों व घटकों के स्वदेशी विनिर्माण पर ध्यान दें। हमारी मिट्टी, हमारा कवच हमारी पहली पसंद बने। संयोजन नहीं, प्रौद्योगिकी आधारित विनिर्माण विकसित करें। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हमारे उद्योगों को सशक्त बनाए। सिंह का स्पष्ट संदेश था- स्वदेशीकरण ही भारत को अजेय बनाएगा। सिंह ने कहा, हमने दृढ़ संकल्प से जवाब दिया और हमारी सेनाएं सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं, फिर भी आत्मचिंतन निरंतर जारी रहना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर हमें सिखाता है कि सीमाओं पर कहीं भी, कभी भी कुछ भी घटित हो सकता है। इसलिए युद्ध जैसी स्थिति के लिए तैयारी हमारी अपनी बुनियाद पर होनी चाहिए। उन्होंने वैश्विक अनिश्चितताओं का हवाला देते हुए कहा कि स्थापित विश्व व्यवस्था कमजोर हो रही है, संघर्ष क्षेत्र बढ़ रहे हैं, और भारत को अपनी सुरक्षा व रणनीति को नए सिरे से परिभाषित करना होगा। स्वदेशीकरण को एकमात्र विकल्प बताते हुए मंत्री ने कहा कि विदेशी खरीद रखरखाव व जीवन-चक्र लागत में संसाधनों पर बोझ डालती है। ऑपरेशन सिंदूर में आकाश मिसाइल, ब्रह्मोस, आकाशतीर वायु रक्षा प्रणाली जैसे स्वदेशी उपकरणों की ताकत दुनिया ने देखी। सिंह ने सफलता का श्रेय बहादुर सशस्त्र बलों के साथ-साथ उद्योग योद्धाओं को दिया, जिन्होंने नवाचार, डिजाइन व विनिर्माण में अग्रिम भूमिका निभाई। भारतीय उद्योग को थलसेना, नौसेना व वायुसेना के साथ रक्षा का चौथा स्तंभ बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार घरेलू पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत करने के लिए समान अवसर दे रही है। हम ‘मेड इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड’ की भावना को साकार करने के लिए वास्तविक विनिर्माण आधार स्थापित कर रहे हैं। वीरेंद्र/ईएमएस/28अक्टूबर2025