क्षेत्रीय
28-Oct-2025
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-पूर्व मुख्यमंत्री लेकर मंत्री अफसर पहुंचे गांव -नेता-अफसरों के सामने फूटा दर्द-‘हमारी बेटियों को नोचा, पति को मार डाला, पर किसी ने मदद नहीं की गुना (ईएमएस) | जिले के फतेहगढ़ थानांतर्गत ग्राम गणेशपुरा में किसान रामस्वरूप धाकड़ की हत्या का मामला अब तीसरे दिन पूरे जिले की राजनीतिक और प्रशासनिक हलचलों के केंद्र में है। एक ही गांव में पहुंचकर एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रदेश सरकार और कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए, तो दूसरी ओर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रदुम्मन सिंह तोमर ने पीडि़त परिवार को न्याय और कठोर कार्रवाई का भरोसा दिया। इसी दौरान राघौगढ़ विधायक एवं कांग्रेस जिलाध्यक्ष जयवर्धन सिंह, बमोरी विधायक ऋषि अग्रवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह सिकरवार, आईजी अरविंद सक्सेना, संभागायुक्त मनोज खत्री, कलेक्टर किशोर कन्याल और एसपी अंकित सोनी ने भी गांव पहुंचकर घटना स्थल और पीड़ित परिवार से मुलाकात की। ग्रामीणों ने सभी के सामने आरोपी महेंद्र नागर और उसके साथियों द्वारा बरसों से कायम दबंगई, दहशत, जमीन हड़पने और नाबालिग बेटियों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार की पूरी कहानी बताई। ग्रामीणों ने साफ कहा कि आरोपी परिवार की दहशत ऐसी है कि गांव के लगभग आधे लोग अपनी जमीनें औने-पौने दामों पर बेचकर गांव छोड़ चुके हैं। जिस दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे जिले को झकझोर दिया, उसमें किसान रामस्वरूप धाकड़ को पहले लाठियों और धारदार हथियारों से पीटा गया और फिर आरोपितों ने अपनी थार गाड़ी से कई बार कुचलकर मौत के घाट उतार दिया। मृतक की बेटी और भतीजी के कपड़े फाड़ दिए गए, उन्हें अपमानित और पीटा गया, और घायल रामस्वरूप को अस्पताल ले जाने से पूरे एक घंटे तक रोका गया। बताया गया कि आरोपियों ने हवाई फायरिंग कर गांव में आतंक बनाए रखा। उल्लेखनीय है कि भाजपा का बूथ अध्यक्ष महेन्द्र नागर का क्षेत्र में रसूख है। उसके कई भाजपा नेताओं के साथ अब फोटो और वीडियो वायरल हो रहे हंै। सिंधिया खुद आएं और देखें कि उनके नाम पर कैसे दहशत फैलाई जा रही है — दिग्विजय सिंह गांव पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने पीडि़त परिवार को सांत्वना देते हुए कहा कि यह घटना प्रदेश में कानून-व्यवस्था की जर्जर स्थिति का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि रामस्वरूप धाकड़ की हत्या केवल एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि यह प्रशासनिक ढिलाई, राजनीतिक संरक्षण और लगातार बढ़ती दबंगई का परिणाम है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि ग्रामीणों ने उनके सामने खुलकर बताया कि आरोपी परिवार कई वर्षों से गांव में आतंक का साम्राज्य चला रहा है। आधा गांव पलायन कर चुका है। उन्होंने बड़ा आरोप लगाया कि आरोपियों ने सीमा क्षेत्र में लगे मप्र-राजस्थान की सीमांकन रेखाओं को अपने लाभ के लिए पीछे खिसका दिया है। उनके अनुसार यह प्रशासन की खुली नाकामी है। उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा मैं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मांग करता हूं कि वह स्वयं यहां आएं और देखें कि उनके नाम पर भाजपा कार्यकर्ता किस प्रकार दहशत फैला रहे हैं। ग्रामीणों की बात सुनें, उनकी पीड़ा समझें और देखें कि कैसे एक नेता का संरक्षण पूरे गांव को भय में जीने पर मजबूर कर रहा है। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी — ऊर्जा मंत्री प्रदुम्मन सिंह तोमर गांव पहुंचे ऊर्जा मंत्री प्रदुम्मन सिंह तोमर ने कहा कि सरकार इस घटना को बेहद गंभीरता से ले रही है। उन्होंने पीड़ित परिवार को चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि तीन आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं और शेष आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी होगी। उन्होंने कहा प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने घटना का तुरंत संज्ञान लिया है। जिन अधिकारियों ने लापरवाही बरती है, उन पर कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। जो भी दोषी होगा वह किसी भी कीमत पर नहीं बचेगा। इस दौरान यहां उन्होंने पीडि़त परिवार के सदस्यों को ढांढस बंधाया और चर्चा की। राजस्थान-गुना सीमा क्षेत्र में संयुक्त समस्या समाधान शिविर लगाए जाएंगे — संभागायुक्त मनोज खत्री संभागायुक्त मनोज खत्री ने कहा कि ग्राम गणेशपुरा का भौगोलिक स्वरूप जटिल है क्योंकि इसका कुछ हिस्सा राजस्थान की सीमा से लगा है। जहां भूमि विवाद, अवैध कब्जे और वन विभाग की समस्याएं एक साथ मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि गुना और बारां जिले के अधिकारियों की संयुक्त टीम गांव में कैंप लगाकर समस्याओं का स्थायी समाधान करेगी। खत्री ने कहा कि मृतक की पत्नी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, उनका इलाज शासन की तरफ से कराया जाएगा। साथ ही बच्चियों की सुरक्षा और भविष्य की शिक्षा का प्रबंध किया जाएगा। आरोपियों की गिरफ्तारी हमारी प्राथमिकता है — आईजी अरविंद सक्सेना आईजी ने बताया कि इस घटना में कुल 14 आरोपी हैं, जिनमें से तीन को गिरफ्तार किया जा चुका है। मप्र और राजस्थान की संयुक्त 8 पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। उन्होंने कहा किसी भी असामाजिक तत्व को, चाहे वह किसी भी दल, संस्था या व्यक्ति से जुड़ा हो, बख्शा नहीं जाएगा। पीड़ित परिवार को 24 घंटे सुरक्षा दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मृतक पर हमला होने से आठ दिन पहले दर्ज शिकायत की जांच एसपी को सौंप दी गई है। मृतक मदद मांग रहा था लेकिन लोग सामने नहीं आए, यह सबसे पीड़ादायक — कलेक्टर किशोर कन्याल कलेक्टर ने कहा कि यह घटना केवल अपराध नहीं, बल्कि सामाजिक संवेदना के पतन की चेतावनी है। उन्होंने कहा कि मृतक काफी देर तक बचाव के लिए आवाज लगाता रहा, लेकिन पूरे गांव में भय के कारण कोई सामने नहीं आया। कलेक्टर ने कहा कि रिस्पांसिबलशिप योजना के तहत मृतक की बेटियों की शिक्षा और भरण-पोषण की जिम्मेदारी शासन उठाएगा। जमीन विवाद की जड़ — राजस्थान की 6 बीघा भूमि जिस जमीन पर यह विवाद हुआ वह राजस्थान के बारां जिले के पचलावड़ा गांव में मृतक के मामा की है। आरोप है कि महेंद्र नागर और उसके साथियों ने जमीन को जबरन गिरवी कर लिया, पूरी राशि नहीं दी और खेती पर कब्जा बनाए रखना चाहा। किसान सभा ने सौंपा ज्ञापन, एसआईटी गठित करने और 50 लाख के मुआवजे की मांग गणेशपुरा गांव में किसान रामस्वरूप धाकड़ की हत्या के मामले में बुधवार को अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में किसानों तथा सामाजिक संगठनों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि 26 अक्टूबर को गांव में बीजेपी के पूर्व बूथ अध्यक्ष महेंद्र नागर ने अपने 13-14 साथियों के साथ मिलकर पहले किसान रामस्वरूप धाकड़ पर लाठियों, डंडों और धारदार हथियारों से हमला किया, इसके बाद उन्हें अपनी थार जीप से कई बार कुचलकर मौत के घाट उतार दिया। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि घटना के दौरान मृतक की बेटी एवं भतीजी के साथ मारपीट कर उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया और परिवार को घायल को अस्पताल ले जाने से भी रोका गया। आरोपियों द्वारा हवाई फायरिंग कर पूरे क्षेत्र में दहशत फैलाने की बात भी कही गई है। किसान संगठन ने बताया कि महेंद्र नागर पर पहले भी दबंगई, भूमि कब्जे और बिजली चोरी जैसे कई मामले दर्ज हैं, जिनकी वजह से आसपास के लगभग 25 किसान अपनी जमीन छोडक़र पलायन कर चुके हैं। किसान सभा ने मांग की कि मुख्य आरोपी महेंद्र नागर सहित सभी आरोपियों पर हत्या, महिलाओं पर अत्याचार, आपराधिक साजिश और हथियार अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई करते हुए तत्काल गिरफ्तारी की जाए और इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच हेतु एक विशेष जांच दल गठित किया जाए। वहीं मृतक परिवार को 50 लाख का मुआवजा एवं एक सदस्य को शासकीय नौकरी की मांग की। बीजेपी ने नागर को पार्टी से किया तत्काल प्रभाव से निष्कासित मामले में आनन-फानन में भाजपा संगठन ने भी कार्रवाई की है। जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह सिकरवार ने बूथ अध्यक्ष महेंद्र नागर को पार्टी से तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया है। पत्र में कहा गया है कि महेंद्र नागर द्वारा पारिवारिक विवाद में किया गया आपराधिक कृत्य संगठन की मर्यादा, सभ्यता और दायित्वों के प्रतिकूल है। प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर उन्हें संगठन से बाहर किया गया।पत्र की प्रतिलिपि प्रदेश अध्यक्ष हेमन्त खण्डेलवाल, संगठन महामंत्री हितानन्द शर्मा, संभाग प्रभारी विजय दुबे और प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल को भी प्रेषित की गई है। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि अपराध और हिंसा में लिप्त किसी व्यक्ति को संगठन में स्थान नहीं दिया जाएगा। सीताराम नाटानी /ईएमएस