अंतर्राष्ट्रीय
29-Oct-2025
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हॉर्वर्ड सिटी (ईएमएस)। साल 2025 में एक नई खगोलीय खोज ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों और आसमान देखने वालों का ध्यान खींच लिया है। इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट नाम का एक रहस्यमयी पिंड बड़ी तेजी से पृथ्वी के करीब पहुंच रहा है। कुछ लोग सदियों पुरानी नॉस्ट्राडेमस की भविष्यवाणियों से जोड़ रहे हैं, तब कुछ लोग ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने का नया मौका मान रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि डरने की कोई जरूरत नहीं है। धरती से काफी दूर से गुजरेगा और किसी तरह का खतरा नहीं पैदा करेगा। लेकिन इसकी एंट्री ने लोगों की दिलचस्पी जरूर बढ़ा दी है। 1 जुलाई 2025 को एटलस सर्वे सिस्टम ने इस ऑब्जेक्ट को पहली बार देखा। ये हमारे सौरमंडल के अंदर का नहीं, बल्कि बाहर से आया मेहमान है। इससे पहले भी दो इसतरह के इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट मिल चुके हैं। लेकिन इस पिंड को लेकर वैज्ञानिक और ज्यादा उत्साहित हैं, क्योंकि इसकी दिशा और गति काफी अलग है। नासा के मुताबिक, यह 29 अक्टूबर 2025 को सूरज के सबसे पास होगा। फिर दिसंबर 2025 के बीच यह धरती के सबसे नजदीक होगा, करीब 16.8 करोड़ मील (करीब1.8 खगोलीय इकाई) की दूरी से। यानि इस ऑब्जेक्ट आप नंगी आंखों से नहीं देख पाएंगे, लेकिन टेलिस्कोप वाले खगोलविद इस बारीकी से देख सकते है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एवी लोएब का कहना है कि यह ऑब्जेक्ट बेहद दिलचस्प है और इसे ध्यान से स्टडी करना जरूरी है, क्योंकि अब तक यह साफ नहीं है कि यह पूरी तरह प्राकृतिक है या किसी कृत्रिम कारण से बना है। यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने बताया है कि इसमें एक “एंटी-टेल” नाम की चीज दिख रही है यानी इसकी पूंछ रोशनी की उल्टी दिशा में बनती है। ऐसा बहुत ही कम होता है। हालांकि, वैज्ञानिकों ने साफ कहा है कि यह पूरी तरह प्राकृतिक घटना है और इससे धरती को कोई खतरा नहीं है। आशीष/ईएमएस 29 अक्टूबर 2025