राज्य
30-Oct-2025
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मुंबई, (ईएमएस)। मुंबई के सेंट जॉर्ज अस्पताल में हर साल औसतन 24 से 25 प्रतिशत मरीजों की मौत हो जाती है। दरअसल यह खुलासा हुआ है सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी से। हालाँकि, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इनमें से ज़्यादातर मौतें तब हुईं जब मरीज़ों को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। इस लिहाज़ से शुरुआती 24 घंटों में होने वाली मौतों की संख्या ज़्यादा है। इस बीच, चिकित्सा विशेषज्ञों ने इन सभी मरीजों की मौतों का विश्लेषण करने और अगर बड़ी संख्या में मौतें हो रही हैं तो उनके कारणों का पता लगाने की ज़रूरत जताई है। ज्ञात हो कि सरकारी अस्पतालों में मृत्यु दर हमेशा निजी अस्पतालों से ज़्यादा होती है। कई बार निजी अस्पताल में इलाज कराने के बाद भी जब मरीज़ ठीक नहीं होता और परिवार पर आर्थिक बोझ बढ़ता जाता है, तो कई बार ऐसा देखा गया है कि कुछ मरीजों के परिजन मरीज़ को आखिरी दौर में सरकारी अस्पताल में भर्ती कराते हैं। सेंट जॉर्ज अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि कई मरीजों को उनके परिजन गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराते हैं। इसके बाद भी, बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के प्रयास जारी हैं। इस संदर्भ में सेंट जॉर्ज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विनायक सावर्डेकर कहते हैं कि अस्पताल में मृत्यु दर कम करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। अगर आगे भी कोई प्रयास करने होंगे, तो विशेषज्ञों की बैठक बुलाकर चर्चा की जाएगी। मृत्यु ऑडिट भी किया जाएगा। हालाँकि, शुरुआती 24 घंटों में होने वाली मौतों की संख्या काफ़ी ज़्यादा है। साथ ही, गंभीर स्थिति होने पर मरीज़ों को वार्ड से तुरंत गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती किया जाता है। स्वेता/संतोष झा- ३० अक्टूबर/२०२५/ईएमएस