राज्य
30-Oct-2025
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- इलेक्ट्रो होम्योपैथ कर रहे प्राईवेट प्रेक्टिस  जबकि कोर्स को मान्यता नहीं - आदिवासियों, गरीब ग्रामीणों की जान जोखिम में - इंदौर व खंडवा में उपचार से मृत्यू के मामले उजागर - बार-बार विषय उठाने के बाद भी सरकार ने नहीं की कोई भी कार्रवाई - फर्जी डिग्री के माध्यम से डॉक्टर बनाना अपराध - कांग्रेस ने महामहिम राज्यपाल से लगाई गुहार कोर्सेज बंद नहीं किए गए तो अदालत का खटखटायेंगे दरवाजा भोपाल (ईएमएस)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के विचार विभाग के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने अपनी प्रेस वार्ता में अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय द्वारा चलाए जा रहे इलेक्ट्रो होम्योपैथी कोर्सेज और इन कोर्सेस से प्राप्त डिग्री या सर्टिफिकेट के आधार पर चलाई जा रही जानलेवा मेडिकल प्रैक्टिस पर महामहिम राज्यपाल को पत्र लिखकर कोर्सेस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।  गुप्ता ने बताया कि इन कोर्सों के माध्यम से निकले विद्यार्थी की मूल शिक्षा 10वीं या 12वीं पास है मगर वे दड़ेगम डॉक्टरों की तरह निजी प्रैक्टिस कर उपचार कर रहे हैं । इस तरह के सैकड़ों मामले प्रकाश में आए हैं।  गुप्ता ने बताया कि उन्होंने 26 मार्च 2025 को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश की सरकार और महामहिम राज्यपाल महोदय को इन कोर्सेस की वैधानिकता को लेकर आगाह किया था किंतु 6 महीने व्यतीत हो जाने के बावजूद इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है जबकि विधानसभा में सरकार स्वयं प्रश्न क्रमांक 1047 के उत्तर में बता चुकी है की ना तो यह कोर्स मान्यता प्राप्त है ना ही इस तरह की कोई कौंसिल सरकार ने गठित की है ना ही सरकार आगे कोई ऐसा अधिनियम बना रही है।इस बीच इन डिग्री धारियों द्वारा किये जा रहे इलाज से दर्जनों निर्दोषों की मौत हो चुकी है।  गुप्ता ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय  से जब इन कोर्सेज को पढ़ाने वाली फैकल्टी की जानकारी मांगी गई और अध्ययन केंद्रों के निरीक्षण की रिपोर्ट मांगी गई तो विश्वविद्यालय ने आरटीआई की जानकारी देने से न केवल इनकार किया बल्कि यह भी बताया कि नियम के अनुसार ऐसी जानकारी नहीं दी जा सकती जबकि पूर्व में लगाई गई आरटीआई की जानकारी इसी विश्वविद्यालय द्वारा दी जा चुकी है ।इससे स्पष्ट है की विश्वविद्यालय ऐसे अपराधिक उपचार करने वाले कथित झोलाछाप डॉक्टरों को बचाने में संलिप्त है।   गुप्ता ने बताया कि खंडवा जिले के एक ब्लॉक में ऐसे ही डॉक्टर के माध्यम से उपचार किए जाने पर दो बच्चों की मृत्यु का समाचार प्रकाशित हुआ समाचार में यह भी बताया गया कि मरीजों की मृत्यु के बाद छापा डालकर  सीएमएचओ द्वारा इलेक्ट्रो हैम्योपैथ क्लीनिक सील किए गए हैं। किंतु जब सीएमएचओ खंडवा से आरटीआई लगाकर जिन क्लिनिकों को सील किया गया है उनमें प्रेक्टिस करने वाले डॉक्टरों की डिग्रियों की जानकारी मांगी गई तो सीएमएचओ ने उसे निजता का हनन बताकर  नकारी देने से इनकार कर दिया ।इससे सिद्ध होता है कि न केवल अटल बिहारी वाजपई हिंदी विश्वविद्यालय बल्कि स्वास्थ्य विभाग के वे वरिष्ठ अधिकारी जिन पर अवैध उपचार पद्धतियों से मरीजों को बचाने की संवैधानिक जिम्मेदारी है वे भी ऐसे अपराधिक कृत्यों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं।  गुप्ता ने बताया की इंदौर क्षेत्र में दर्जनों मरीजों की इलेक्ट्रो होम्योपैथी डिग्री धारी झोलाछाप डॉक्टरों के उपचार के बाद मृत्यु के समाचार प्रकाशित हुए हैं। कई राष्ट्रीय अखवारों ने ऐसे डॉक्टरों का भंडाफोड़ किया है लेकिन सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है। यह जानकारी पुनः  राज्यपाल महोदय को पत्र द्वारा प्रेषित करते हुए महामहिम से मांग की है कि क्योंकि वह मध्य प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं और राज्य सरकार के मुखिया हैं अतः और मरीजों की अज्ञानता वश जान को खतरा न हो इसलिए ऐसे कोर्स पर तत्काल प्रतिबंध लगाएं और अटल बिहारी वाजपई हिंदी विश्वविद्यालय में जानकारी होने के बावजूद इस तरह के पाठ्यक्रम चलाने वाले अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई करने हेतु निर्देशित करने की कृपा करें। गुप्ता ने यह भी आरोप अपने पत्र में लगाया है कि विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारी अध्ययन केंद्र चलाने के नाम पर अध्ययन केंद्रों के अलॉटमेंट में भारी रकम वसूली कर रहे हैं और इस अवैध कमाई की आड़ में निजी चिकित्सकों के रूप में झोलाछाप डॉक्टरों के रूप में अध्ययन केद्रों से निकले निकले विद्यार्थी डॉक्टर के रूप में निजी प्रैक्टिस करने पर आंखें मूंदे हुए हैं। गुप्ता ने का़ग्रेस पार्टी की ओर से तत्काल इस कोर्स पर प्रतिब़ंध लगाने की मांग की है।उन्होंने कोर्स संचालित करवाने वाले कुलगुरू डेहरिया,कुलसचिव, अध्ययन केंद्र प्रभारी,अध्ययन केंद्र निरीक्षक की विगत पांच वर्षों म़ें अर्जित संपत्ति की जांच सीबीआई , लोकायुक्त या ईओडब्ल्यू से करवाये। गुप्ता गरीब आदिवासियों और ग्रामीणों को इन झोलाछापों के चंगुल से बचाने की गुहार लगाते हुए कहा है कि सरकार नहीं चेती तो कभी भी यह आपराधिक उदासीनता सीरप कांड जैसा स्वरूप ले सकती है। गुप्ता ने कहा कि सरकार के मौन रहने पर आगे जनहित में अदालत का दरवाजा खटखटायेंगे। ईएमएस / 30 अक्टूबर 25