- कोर्ट ने फैसले में कहा-यह अपराध संसार की सभी मॉओ के खिलाफ किया गया अपराध - नवजात बच्चों को मारकर जानवरो का निवाला बनने के कचरे के ढेर में फेंक आई भोपाल(ईएमएस)। राजधानी में सिंतबर 2022 में कलयूगी मॉ द्वारा अपने 20 दिनो के दो जुड़वां बच्चो की गला घोंट कर हत्या करने के सनसनीखे मामले में आरोपिया मॉ सपना धाकड़ को आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किये जाने का फैसला सुनाया है। सुनवाई पूरी होने के बाद जयंत शर्मा बारहवें अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश की कोर्ट ने अपने फैसले में इस अपराध को संसार की सभी माताओ के खिलाफ किया गया अपराध बताते हुए सपना धाकड़ को धारा 302 मे आजीवन कारावास एवं 2 हजार रुपये अर्थदण्ड और धारा 201 में 5 साल का सश्रम कारावास एवं 1 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किये जाने का फैसला सुनाया। प्रकरण में शासन द्वारा की ओर से विशेष लोक अभियोजक वंदना परते द्वारा पैरवी की गई है। * ऐसे हुआ था जुड़वा मासूमो की हत्या का खुलासा संभागीय जनसंपर्क अधिकारी मनोज त्रिपाठी मामले की जाकनारी देते हुए बताया की मूल रुप से बैरसिया की रहने वाली 27 वर्षीय सपना धाकड़ की शादी साल 2017 में कोलार गेस्ट हाउस के पास रहने वाले बृजमोहन धाकड़ (28) से हुई थी। सपना ने 7 सितंबर को जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। उसकी तीन साल की एक बेटी पहले से थी। 23 सितंबर को अलसुबह साढ़े पॉच बजे सपना दोनों बच्चों को घर से लेकर उस समय निकल गई जब परिवार के लोग सो रहे थे। बाद मे उसने पुलिस को बताया की वो अपने ससुराल से बैरसिया जाने के लिए निकली थी। बाणगंगा इलाके में उसने फुटपाथ पर अपने बच्चों को सुलाया और लघुशंका करने के बाद लौटी तो बच्चे गायब हो चुके थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुंरत ही छानबीन शुरु की। लेकिन शुरुआती जॉच मे ही उसे नवजात बच्चो की मॉ सपना की बताई कहानी पर सदिंग्ध लगने लगी। * सीसीटीवी में बच्चे ले जाती नजर आई, लेकिन वापसी में नवजात नहीं थे जॉच मे सामने आया की सपना कोलार रेस्ट हाउस से बच्चे लेकर निकली थी, लेकिन हबीबगंज स्टेशन के पास जब वो सिटी बस में सवार हुई तो बच्चे उसकी गोद में नहीं थे। उस बस का वीडियो देखने पर भी उसके पास बच्चे नजर नही आये। इलाके की सर्चिंग के दौरान नवजाज जुड़वा बच्चों के कपड़े पुलिस को हबीबगंज इलाके में थाने से कुछ दूर मिले। जब पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की तब सारे मामले का खुलासा हो गया। सपना धाकड़ ने पुलिस को बताया कि पति से उसकी अनबन रहती थी। आर्थिक तंगी को लेकर उनसे विवाद होते थे। आर्थिक रुप से कमजोर होने ओर जुड़वा बच्चो के पैदा होने पर पति कहता था, कि इनको कैसै पालेगें। पति के तानो से गुस्से में आकर उसने बच्चों की हत्या कर दी। * मासूमो का गला घोंटा और कचरे के ढेर में जानवरो के लिये फैकं दिया सपना धाकड की के खुलासे से पलिस भी सन्न रह गई। पुलिस उसकी निशानदेही पर उसे घटनास्थल मल्टी न. 6/12, 6/13 के बीच खाली प्लाट की झाडिया रविशंकर नगर हबीबगंज में पहुचीं जहॉ दोनों नवजातो के शव बूरी हालत मे बरामद किये गये। आगे खुलासा हुआ की घर से निकलने के बाद सपना हबीबगंज इलाके में पहुंची ओर वहॉ थाने से थोड़ी दूर बच्चों के कपड़े उतारने के बाद आगे ले जाकर अपने हाथ से उनका गला घोंटकर दोनो के शवो को जानवरो की खुराक बनने के लिये झाड़ियों में फेंक दिया था। बच्चो की हत्या के बाद सपना बस में बैठकर वापस टीटी नगर पहुंची ओर कहानी गढ़ते हुए पति को फोन कर बच्चे चोरी होने की बात बताई। * कोर्ट ने कहा ऐसी मॉ के लिये मृत्यू दंड से कठोर होगी आजीवन कारावास की सजा अदालत ने अपने फैसले में कहा की अभियुक्त द्वारा अपने 20 दिन के नवजात बच्चों की अकारण हत्या की गई है, एक मां द्वारा ऐसा दुस्साहसपूर्ण कृत्य मां एवं बेटे के बीच स्थापित पवित्र रिश्ते की मर्यादा को छिन्न-भिन्न करने वाला है। इसी कारण मां दुर्गा की आरती में भी इस बात का उल्लेख मिलता है कि पूत कपूत सुने हैं, पर ना माता सुनी कुमाता। एक मॉ द्वारा किया गया यह अपराध केवल नवजात बच्चों के विरूद्ध किया गया अपराध नहीं है, अपितु यह अपराध संसार की समस्त माताओं के विरूद्ध किया गया विरल अपराध है। किंतु इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि ऐसी क्या मजबूरी रही होगी कि एक मां ने अपने दो बच्चों को मारकर उनके शवों को जानवरों का निवाला बनाने के लिए फेंक दिया। इसलिये अभियुक्त को मृत्युदण्ड देना उसे ग्लानि एवं पछतावा की भावना से मुक्त करना होगा। प्रकरण में अपने ही बच्चों की हत्या का ग्लानिबोध रखते हुए बाकी जीवन का कारावास, मृत्युदण्ड के दण्ड से अधिक कठोर है। जुनेद / 30 अक्टूबर