वॉशिंगटन (ईएमएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) को परमाणु हथियारों की तुरंत टेस्टिंग शुरू करने का आदेश दे दिए है। उन्होंने कहा कि यह टेस्टिंग चीन और रूस के बराबर होनी चाहिए। बात दें कि अमेरिका ने अंतिम बार 23 सितंबर 1992 को परमाणु परीक्षण किया था। यह अमेरिका की 1,030वीं टेस्टिंग थी। टेस्टिंग रेनियर मेसा पहाड़ी के 2300 फीट नीचे नेवादा टेस्ट साइट पर की गई, ताकि रेडिएशन बाहर न फैले। इसका कोडनेम था डिवाइडर दिया गया था। विस्फोट जमीन के नीचे इतनी जोर से हुआ कि नीचे की चट्टानें पिघल गई थीं। जमीन की सतह करीब 1 फुट ऊपर उठकर फिर धंस गई। वहां अभी भी 150 मीटर चौड़ा और 10 मीटर गहरा गड्ढ़ा दिखाई देता है। गौरतलब है कि 1996 में हुए ‘कम्प्रिहेंसिव न्यूक्लियर टेस्ट बैन ट्रीटी’ (सीटीबीटी) के तहत भूमिगत परमाणु परीक्षणों पर रोक लगा दी गई थी। चीन और अमेरिका दोनों ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन अभी तक इस औपचारिक रूप से मंजूरी नहीं दी है। पूर्ण परमाणु हथियार परीक्षण (फुल न्यूक्लियर वीपन टेस्ट) में असली वास्तविक परमाणु बम का विस्फोट किया जाता है ताकि उसकी विनाशक क्षमता, रेडिएशन प्रभाव, और तकनीकी दक्षता मापी जा सके। इस परीक्षण में परमाणु प्रतिक्रिया होती है। इसतरह परीक्षण आमतौर पर जमीन के अंदर या आकाश में किए जाते थे। यह बहुत बड़ा पर्यावरणीय और राजनीतिक मुद्दा होता है, क्योंकि इससे रेडिएशन फैलने का खतरा होता है। आखिरी बार 1992 में परमाणु परीक्षण करने के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज एच.डब्ल्यू. बुश ने भूमिगत परमाणु परीक्षणों पर रोक लगाने की घोषणा की थी। ट्रम्प ने 3 दशक बाद अमेरिका के फिर से परमाणु हथियार का परीक्षण के आदेश को सही ठहराया। उन्होंने कहा, “रूस और चीन दोनों ऐसा कर रहे हैं। हमारे पास सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं, लेकिन हम नहीं करते… लेकिन बाकी देश टेस्टिंग कर रहे हैं। मुझे लगता है कि हमें भी ऐसा करना चाहिए।” उन्होंने नहीं बताया कि अमेरिका अपने परमाणु परीक्षण कब और कहां करेगा, बस इतना कहा, “हमारे पास टेस्टिंग साइट्स हैं, इसकी घोषणा जल्द होगी। जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि इससे दुनिया एक और अधिक खतरनाक परमाणु माहौल में जा सकती है, ट्रम्प ने जवाब दिया, “मुझे लगता है हमने इसे काफी हद तक नियंत्रण में रखा है।” ट्रम्प ने कहा, “मैं परमाणु निरस्त्रीकरण देखना चाहूंगा। हम इस बारे में रूस से बात कर रहे हैं, और अगर कुछ होता है,तब चीन को भी इसमें शामिल किया जाएगा।” आशीष दुबे / 30 अक्टूबर 2025