नई दिल्ली(ईएमएस)। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन और पाकिस्तान के बीच जबरदस्त गठजोड़ दिखाई दिया। इसे रणनीतिक साझेदारी बताते हुए पूर्व विदेश सचिव पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रंगला ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन-पाकिस्तान के बीच गहरी रणनीतिक साझेदारी का संकेत मिला। पाकिस्तान के साथ चीन की भागीदारी रक्षा आपूर्ति से आगे बढ़कर खुफिया और कूटनीतिक समर्थन तक पहुंच गई है। इससे एक सदाबहार गठबंधन बन गया है जिसका उद्देश्य भारत के उत्थान को रोकना है। शृंगला ने पुणे इंटरनेशनल सेंटर की ओर से आयोजित संवाद कार्यक्रम के दौरान भारत की विदेश नीति और रणनीतिक मामलों पर बात की। चीन में भारत के पूर्व राजदूत गौतम बंबावाले ने इस कार्यक्रम का संचालन किया। बता दें कि इस साल मई में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का करारा जवाब था। इसमें 26 पर्यटकों की हत्या कर दी गई। 6-7 मई की रात भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान व पीओके में 9 आतंकी ठिकानों (बहावलपुर, मुरीदके, मुजफ्फराबाद आदि) पर प्रिसिजन मिसाइलें दागीं। इस दौरान 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया। पाकिस्तान ने जवाबी हमले किए, लेकिन भारत ने उसके 11 एयरबेस, रडार तबाह कर दिए। हर्षवर्धन श्रंगला ने कहा कि भारत की विदेश नीति यथार्थवाद और आदर्शवाद के बीच संतुलन को दर्शाती है। यह विकासात्मक जरूरतों, रणनीतिक आजादी और समावेशी नजरिए को एक साथ लेकर चलती है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की ओर से चीनी हथियारों के इस्तेमाल से संबंधित प्रश्न पूछे गए। इस पर श्रंगला ने इस संघर्ष को चीन-पाकिस्तान के बीच गहरी रणनीतिक साझेदारी का संकेत बताया। वीरेंद्र/ईएमएस/04नवंबर2025