नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत के तेजी से बढ़ते क्विक कॉमर्स और फूड डिलीवरी सेक्टर एक बार फिर से मुकाबला करने को तैयार हैं। रिपोर्ट के अनुसार अब कंपनियां एक बार फिर से मार्केटिंग और ग्राहक को लुभाने के लिए खुलकर खर्च कर रही हैं। स्विगी ने देशभर में क्विक इंडिया नाम से नया कैंपेन शुरू किया है। एटरनल यानी जोमेटो ने भी जोमेटो गोल्ड को फिर से मुफ्त ऑफर के साथ शुरू किया है और खाने पर बड़े-बड़े डिस्काउंट दिए हैं। वहीं जेप्टो और स्विगी दोनों ने नो फीस अभियान चलाया है, जिसमें डिलीवरी और हैंडलिंग चार्ज हटा दिए गए हैं। इससे अब बाजार में फिर वही छूट और ऑफर की जंग शुरू हो गई है, जैसी साल 2024 के आखिर में देखने को मिली थी। यह हालात बिल्कुल वैसे ही लग रहे हैं जैसे नवंबर 2024 में थे, जब दोनों कंपनियों ने मार्केट शेयर बढ़ाने के लिए जमकर डार्क स्टोर खोले और विज्ञापनों पर भारी खर्च किया था। उस समय एटरनल और स्विगी दोनों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। एटरनल के शेयर 21 फीसदी और स्विगी के शेयर 27 फीसदी टूटे थे। हालांकि बाद में, वित्त वर्ष 2026 में, कंपनियों ने अपने खर्च पर नियंत्रण और बेहतर ऑपरेशनल एफिशिएंसी के दम पर मुनाफा बढ़ाया। लेकिन अब नई फंडिंग के साथ यह प्रतिस्पर्धा फिर से लौट सकती है। फर्क बस इतना है कि इस बार यह लड़ाई थोड़ी ज्यादा कंट्रोल्ड यानी समझदारी के साथ लड़ी जा रही है। सतीश मोरे/04अक्टूबर