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05-Nov-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में झटका लगने के कुछ ही दिनों बाद ग्रामीण विकास मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में इस योजना को विशेष शर्तों के साथ फिर से शुरू करने पर विचार करने का फैसला किया है। तीन साल से बंद पड़ी इस योजना को दोबारा शुरू करने के लिए टीएमसी के नेतृत्व वाली सरकार लगातार केंद्र से गुहार लगा रही थी। अब इसे दोबारा शुर किया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि मंत्रालय ने पिछले हफ्ते पीएमओ को सूचित किया था कि वह विशेष परिस्थितियों के तहत पश्चिम बंगाल में मनरेगा को फिर से शुरू करने पर विचार कर सकता है। पीएमओ ने मंत्रालय से इस मुद्दे पर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। यह घटनाक्रम 27 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र की विशेष अनुमति याचिका को खारिज किए जाने के बाद आया है। केंद्र ने कलकत्ता हाईकोर्ट के 18 जून के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें मनरेगा योजना को 1 अगस्त, 2025 से पश्चिम बंगाल में लागू करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट से पहले हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को यह अधिकार दिया था कि वह राज्य में योजना के क्रियान्वयन के लिए विशेष शर्तें, प्रतिबंध और नियम लगा सके ताकि भविष्य में कोई अनियमितता न हो। केंद्र ने इस आदेश को चुनौती देते हुए 31 जुलाई को हाईकोर्ट के आदेश के लागू होने से एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 27 अक्टूबर को इस याचिका को खारिज कर दिया। केंद्र सरकार ने 9 मार्च, 2022 को पश्चिम बंगाल को फंड जारी करना बंद कर दिया था। इसका कारण केंद्रीय निर्देशों का पालन न करना बताया था। तब से राज्य में इस योजना के तहत कोई काम नहीं हुआ। योजना के निलंबन से पहले, 2014-15 और 2021-22 के बीच हर साल राज्य में 51 लाख से 80 लाख परिवार इस योजना का लाभ उठाते थे। सिराज/ईएमएस 05नवंबर25