नई दिल्ली(ईएमएस)। अधिकांश भारतीय विदेशों की तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं। तमाम देशों में सबसे ज्यादा भारतीय कनाडा को पसंद करते हैं। केवल पढ़ाई या नौकरी के लिए नहीं, बल्कि स्थायी नागरिकता हासिल करने के उद्देश्य से भी देश छोड़ रहे हैं। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में करीब 2.25 लाख भारतीयों ने ओईसीडी सदस्य देशों की नागरिकता प्राप्त की। यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है, जो भारत से हो रहे वैश्विक पलायन की नई तस्वीर पेश करता है।विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय प्रवासी केवल बेहतर जीवन और करियर अवसरों की तलाश में नहीं हैं, बल्कि कई लोग स्थिर सामाजिक ढांचे और बेहतर भविष्य की सुरक्षा के लिए भी विदेशी नागरिकता का विकल्प चुन रहे हैं। यह प्रवृत्ति बताती है कि भारतीय वैश्विक मंच पर न केवल अपनी उपस्थिति बढ़ा रहे हैं, बल्कि विकसित देशों की अर्थव्यवस्था और कार्यबल में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। कनाडा के बाद अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भारतीयों की पसंदीदा मंज़िलें हैं। अमेरिका में साल 2023 में 52,360 भारतीयों ने नागरिकता ली, हालांकि यह आंकड़ा 2022 के 66,670 की तुलना में कुछ कम है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया में 40,361 भारतीयों ने स्थायी नागरिकता प्राप्त की, जो पिछले वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है। इन देशों की उच्च शिक्षा प्रणाली, रोजगार के अवसर और जीवन की गुणवत्ता भारतीय युवाओं को आकर्षित कर रही है। ओईसीडी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब वैश्विक स्तर पर उन देशों में शामिल है, जिनसे सबसे अधिक प्रवासी नागरिक विदेशों में बस रहे हैं। भारत के बाद चीन दूसरे स्थान पर है। वर्ष 2023 में लगभग 3।7 लाख चीनी नागरिकों ने भी ओईसीडी सदस्य देशों की नागरिकता हासिल की, जिनमें अमेरिका और दक्षिण कोरिया प्रमुख गंतव्य रहे। वर्ष 2023 में 78,487 भारतीयों ने कनाडाई नागरिकता हासिल की, जबकि 2022 में यह संख्या 59,405 थी। एक दशक पहले यानी 2013 में केवल 15,388 भारतीयों ने कनाडा की नागरिकता ली थी। स्थिर शासन, रोजगार के अवसर, उच्च जीवन स्तर और स्थायी निवास की सरल प्रक्रिया ने कनाडा को भारतीय प्रवासियों के लिए आकर्षक गंतव्य बना दिया है।हालांकि, हाल के वर्षों में वहां बढ़ती महंगाई, मकानों की कमी और सख्त इमिग्रेशन नीतियां इस रफ्तार को धीमा कर सकती हैं। वीरेंद्र/ईएमएस 07 नवंबर 2025