अंतर्राष्ट्रीय
08-Nov-2025
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- ब्रिटेन में मानसिक रोगियों पर नस्लीय पूर्वाग्रह का असर? - अफ्रीकी-कैरेबियाई मूल के स्किजोफ्रेनिक रोगियों पर उठे सवाल लंदन (ईएमएस)। ब्रिटेन में एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य प्रणाली को लेकर सवाल उठे हैं, खासकर तब जब अफ्रीकी-कैरेबियाई मूल के मानसिक रूप से अस्थिर लोगों द्वारा की गई हिंसक घटनाओं की एक श्रृंखला ने देश को झकझोर दिया है। हाल ही में 1 नवंबर को एंथनी विलियम्स नामक व्यक्ति को लंदन जाने वाली ट्रेन में 11 लोगों पर चाकू से हमले के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस और मानसिक स्वास्थ्य विभाग के पास इस व्यक्ति का रिकॉर्ड पहले से मौजूद था। इससे पहले भी कई गंभीर मामले सामने आ चुके हैं। ज़ेफनियाह मैक्लियॉड ने 2020 में बर्मिंघम में एक युवक की हत्या की थी, जबकि 2023 में वाल्डो कैलोकाने ने नॉटिंघम में तीन लोगों की जान ली थी। इन सभी मामलों में आरोपियों को मानसिक रूप से अस्थिर माना गया था, फिर भी उन्हें समुदाय में स्वतंत्र रूप से घूमने दिया गया। सबसे भयावह मामला 2024 में एक्सल रूडकुबाना का रहा, जिसने लिवरपूल में तीन बच्चों की हत्या कर दी थी, जबकि वह वर्षों से मानसिक अस्थिरता और हिंसक प्रवृत्तियों के लिए प्रशासन के रडार पर था। रिपोर्टों के मुताबिक, ब्रिटेन की मानसिक स्वास्थ्य प्रणाली में फंडिंग की कमी के साथ-साथ राजनीतिक और ‘एंटी-रेसिस्ट’ विचारधारा भी निर्णयों को प्रभावित कर रही है। 2021 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने काले लोगों के अधिक संख्या में “सेक्शन” किए जाने को लेकर कानून में सुधार की बात कही थी। विशेषज्ञों का मानना है कि अब अधिकारी कहीं ‘रेसिज्म’ के आरोप से बचने के लिए कार्रवाई से हिचकिचाने लगे हैं। पूर्व पुलिस अधिकारी पॉल बर्च का कहना है कि “राजनीतिक विचारधारा” और “जागरूकता अभियानों” ने पुलिस और स्वास्थ्य सेवाओं के पेशेवर निर्णयों को कमजोर किया है। उन्होंने चेताया कि मानसिक रोगियों के मामलों में राजनीतिक दबाव खतरनाक साबित हो सकता है। क्योंकि “लोगों की जान उस पर निर्भर करती है।”