नई दिल्ली (ईएमएस)। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 2 नवंबर की रात इतिहास रच दिया जब उसने साउथ अफ्रीका को फाइनल में हराकर पहली बार आईसीसी वुमेंस क्रिकेट वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया। इससे पहले भारत 2005 और 2017 में फाइनल तक पहुंचा था, लेकिन दोनों बार खिताब से चूक गया था। इस बार हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन करते हुए वह मुकाम हासिल किया, जिसका इंतजार देश की करोड़ों आंखें बरसों से कर रही थीं। खिताब जीतने के बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर ने एक भावनात्मक कदम उठाते हुए उन दिग्गज खिलाड़ियों को याद किया, जिन्होंने भारतीय महिला क्रिकेट की नींव रखी थी। मैदान पर उन्होंने पूर्व कप्तानों मिताली राज, झूलन गोस्वामी और अंजुम चोपड़ा को बुलाकर ट्रॉफी उठाने का मौका दिया। यह वही खिलाड़ी थीं, जो अपने करियर में वर्ल्ड कप जीतने का सपना पूरा नहीं कर सकीं, लेकिन भारतीय टीम ने उनके संघर्ष और योगदान को इस जीत के जरिये अमर कर दिया। आईसीसी रिव्यू में हरमनप्रीत ने इस भावनात्मक पल पर कहा, “2022 के वर्ल्ड कप के बाद हम सभी बेहद निराश थे। हमें पता था कि वह झूलन दी और मिताली दी का आखिरी टूर्नामेंट था। स्मृति और मैं उस वक्त बहुत दुखी थे क्योंकि हम उनके लिए अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे। तभी हमने निश्चय किया कि अगली बार जब भी हमें मौका मिलेगा, हम उन्हें इस जीत का हिस्सा जरूर बनाएंगे।” उन्होंने बताया कि जब भारत ने इस बार फाइनल जीता, तो टीम ने खासतौर पर यह सुनिश्चित किया कि पूर्व खिलाड़ी स्टेडियम में मौजूद रहें। हरमनप्रीत ने कहा, “हम चाहते थे कि वे इस पल को महसूस करें, क्योंकि यह जीत सिर्फ हमारी नहीं बल्कि उन सभी की है जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में भारतीय महिला क्रिकेट को इस मुकाम तक पहुंचाया। डायना एडुल्जी मैम, शुभांगी कुलकर्णी और सुधा शाह जैसी वरिष्ठ हस्तियों ने लगातार हमसे संपर्क में रहकर हमें प्रेरित किया।” हरमनप्रीत ने आगे कहा, “वहां हर कोई मौजूद था। उनके साथ यह पल साझा करना हमारे लिए बेहद खास था। जब हमने जीत की कल्पना की थी, तो हमने हमेशा सोचा था कि वे हमारे साथ होंगी। उनके बिना यह सफलता अधूरी होती।” भारतीय महिला टीम की यह जीत न सिर्फ एक ऐतिहासिक क्षण है, बल्कि यह उन वर्षों की मेहनत, संघर्ष और समर्पण का प्रतीक भी है, जिसने महिला क्रिकेट को नई पहचान दिलाई है। डेविड/ईएमएस 08 नवंबर 2025