गौरव और परंपरा का प्रतीक है केन्या और मध्यप्रदेश का रिश्ता नैरोबी में मनाया गया मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस कार्यक्रम मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया वर्चुअली संबोधित भोपाल (ईएमएस)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ मूल के सैकड़ों परिवार काफी लंबे समय से केन्या में रह रहे हैं। पिछले तीन वर्षों से इन दोनों राज्यों के मूल निवासी संगठित होकर बेहद प्रभावी तरीके से हमारी संस्कृति और हमारी परम्पराओं का गौरव बढ़ा रहे हैं। वहां अपनी मेहनत, ईमानदारी और कर्मठता एवं जीवटता के बल पर केन्या की प्रगति और विकास के भागीदार बने हुए हैं। केन्या के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक जीवन में सक्रिय योगदान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केन्या हमारा दूसरे घर जैसा है। गर्व की बात है कि हमारे लोग विदेश की धरती पर भी अपनी पहचान और संस्कृति को दृढ़ता से जीवित रखे हुए हैं। एकता की शक्ति इस कार्यक्रम में भी नजर आ रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आपकी तेजी और चपलता के स्वरूप में हमारे चीते केन्या में और दक्षिण अफ्रीका के चीते मध्यप्रदेश के वनों में फर्राटे भर रहे हैं। केन्या से भी जल्द ही चीते मध्यप्रदेश लाये जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को केन्या की राजधानी नैरोबी में आयोजित मध्यप्रदेश स्थापना दिवस कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर भारतीय समुदाय के सदस्यों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं और मध्यप्रदेश की समृद्ध परम्परा व संस्कृति का उत्सव मनाया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज मध्यप्रदेश ने वैश्विक परिदृश्य में भारत के एक प्रगतिशील राज्य के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि नैरोबी जैसे अन्तर्राष्ट्रीय शहर में मध्यप्रदेश स्थापना दिवस मनाया जाना अपने आप में गौरव की बात है और यह हर प्रदेशवासी के लिए गर्व और सुखद अनुभूति का विषय है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार “विकसित मध्यप्रदेश–समृद्ध भारत” के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है और प्रवासी भारतीयों की भागीदारी इस यात्रा को और सशक्त बनाएगी। उन्होंने विदेश में बसे मध्यप्रदेश के लोगों से राज्य की प्रगति और पहचान को वैश्विक स्तर पर फैलाने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ भाई-भाई हैं, अपना जन्मदिन साथ ही मनाते हैं। उन्होंने सभी को मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नैरोबी में हुए कार्यक्रम में उपस्थित केन्या में भारत के उच्चायुक्त श्री आदर्श स्वाइका, डॉ. महेन्द्र सिंह चौहान और केन्या हिंदू काउंसिल की अध्यक्ष श्रीमती सुजाता कोतमराजु, डॉ. महेन्द्र का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आप सभी अफ्रीका में उज्जैन की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को गौरव प्रदान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केन भारती, हिन्दू स्वयंसेवक संघ और गौ सेवा जैसे संगठनों के प्रति आपकी निष्ठा और समर्पित कार्यों के सबका अभिनंदन है। इस अवसर पर अभिजीत गुप्ता, मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ एसोसिएशन ऑफ केन्या के अध्यक्ष किंशुक चौकसे और सचिव विकास नामदेव सहित बड़ी संख्या में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के प्रवासी भारतीय मौजूद थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पर्व और त्यौहार परिवार के साथ मनाएं तो उत्साह दोगुना हो जाता है। हम राज्योत्सव मना रहे हैं। एक से तीन नवम्बर तक तीन दिन का भव्य राज्योत्सव आयोजन प्रदेश में किया गया है। आज उसी उत्साह और ऊर्जा का आपके बीच भी अनुभव हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रवासी भारतीयों से कहा कि आप सात समंदर पार होकर भी हमारे मन में बसते हैं। देश से दूर होकर भी हमारी संस्कृति और परंपराओं का प्रसार कर रहे हैं। आप सच्चे अर्थों में मध्यप्रदेश के ब्रांड एम्बेसडर हैं। आपको स्थापना दिवस मनाते देख बेहद प्रसन्नता हो रही है। प्रगति के पथ पर अग्रसर है मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस बार का स्थापना दिवस “अभ्युदय मध्यप्रदेश” हमने निवेश और रोजगार की थीम पर मनाया है। “विकसित और आत्मनिर्भर भारत” के लिए “विकसित और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश”का विज़न हमने प्रस्तुत किया। वर्ष 2047 में मध्यप्रदेश भारत का नेतृत्व करे, इसके लिए हम आज से तैयार हो रहे हैं। इसमें हमारे प्रवासी मध्यप्रदेशवासियों का भी सहयोग अपेक्षित है। वर्ष 2025 हमने निवेश और रोजगार को समर्पित किया था। हमारे प्रयास रंग लाए। मध्यप्रदेश, देश-विदेश के निवेशकों की पसंद बना। 30.77 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव हमें प्राप्त हुए हैं। इससे 4 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हुए। पिछले 2 वर्षों मे हमने औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन, निवेश प्रोत्साहन और आधारभूत ढांचा का विस्तार किया है। भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था बन गया है। मध्यप्रदेश, देश का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता रखता है। यही वो समय है जब भारत और अफ्रीका, खासकर मध्यप्रदेश और अफ्रीकी देशों के बीच मिलकर आर्थिक और तकनीकी सहयोग को और मजबूत किया जाए। हम और आप मिलकर वर्ष 2047 का नया मध्यप्रदेश तैयार करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जन्मभूमि का ऋण उतारा नहीं जा सकता, लेकिन अपने कर्तव्यों से सेवा अवश्य की जा सकती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी से अपील करते हुए कहा कि आप सब मध्यप्रदेश के विकास के सहभागी बनें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश के लिए हमने सहयोगपूर्ण वातावरण तैयार किया है। मध्यप्रदेश में 18 नवीन औद्योगिक नीतियाँ लागू की गईं है। हम ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास खनिज, जल, वन और जैव संपदा की प्रचुरता है। प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए पर्याप्त जल, जमीन, बिजली और स्किल मैन पॉवर भी उपलब्ध है। मध्यप्रदेश देश का लॉजिस्टिक्स पॉवर हाउस बन रहा है, हमारे यहां इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, लॉजिस्टिक पार्क्स और इनलैंड कंटेनर डिपो है। हम कृषि, फार्मा एंड हेल्थकेयर, टेक्सटाइल, डिफेंस और एयरोस्पेस, खाद्य प्रसंस्करण, टूरिज्म के क्षेत्र में नित नई उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। प्रदेश का कृषि से जुड़ा सामान, प्रोसेस फूड, दवाइयां, मेडिकल उपकरण, कपड़े और हस्तशिल्प दुनिया में पंसद किया जाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत और अफ्रीका के ऐतिहासिक रिश्तों को आधुनिक दौर में व्यापार, तकनीक और निवेश के नए साझेदारी संबंधों में बदलें। आप जहां हैं, वहीं से अपनी माटी की सेवा करें। यह समय भारत और भारतीयों का समय है। आप भी इस स्वर्णिम समय के भागीदार बनें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत और अफ्रीका का सदियों से संबंध रहा है, हमारे बीच व्यापार और सांस्कृतिक संबंध बहुत गहरे और पुराने हैं। आज आवश्यकता है कि इन ऐतिहासिक रिश्तों को आधुनिक दौर में व्यापार, तकनीक और निवेश की साझेदारी की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केन्या में रह रहे अपने भाई-बहनों से कहा कि आपको देखकर अत्यधिक प्रसन्नता हुई है। आप अपनी सफलता में मध्यप्रदेश को भी शामिल कीजिए। जननी और जन्मभूमि की सेवा में अपना समय और अर्थ शक्ति आप भी व्यय करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रवासी भारतीयों से कहा कि वे जल्द ही केन्या आकर सभी से व्यक्तिगत रूप से मिलेंगे। धर्मेन्द्र, 08 नवम्बर, 2025