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15-Nov-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर शनिवार को संसद परिसर में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर सभी ने बिरसा मुंडा के अदम्य संघर्ष और जनजातीय समुदाय के लिए उनके अमूल्य योगदान को याद किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा, कि भगवान बिरसा मुंडा ने स्वतंत्रता आंदोलन में जनजातीय समाज को नई चेतना और दिशा दी। उनके बलिदान और विचारों से प्रेरणा लेते हुए 2021 से उनकी जयंती को पूरे देश में ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि बिरसा मुंडा की विरासत भारत की विविधता, समरसता और सामाजिक न्याय के मूल्यों को बल देती है। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, कि बिरसा मुंडा ने देशभक्ति की ऐसी मशाल जलाई, जो पीढ़ियों तक मार्गदर्शन करती रहेगी। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासन के विरुद्ध बिरसा मुंडा का असाधारण संघर्ष और ग्रामीण-आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए उनकी लड़ाई इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनके विचार आज भी सामाजिक सशक्तिकरण और आत्मसम्मान की भावना को मजबूत करते हैं। यहां लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, कि राष्ट्रहित और आदिवासी उत्थान के लिए बिरसा मुंडा का जीवन संघर्ष अद्वितीय रहा है। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा का त्याग, साहस और स्वाभिमान देश की युवा पीढ़ी के लिए सदैव प्रेरणादायी बना रहेगा। बिरला ने कहा कि संसद परिसर में उनकी जयंती मनाना इस महान स्वतंत्रता सेनानी के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतीक है। कार्यक्रम के दौरान जनजातीय संस्कृति और स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी समुदाय की भूमिका का भी स्मरण किया गया। अधिकारियों और सांसदों ने भी बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। हिदायत/ईएमएस 15नवंबर25