-2035 तक भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन आने वाले वर्षों में अभूतपूर्व उपलब्धियों की ओर बढ़ रहा है। वैज्ञानिक क्षमता, तकनीकी मजबूती और उद्योग सहयोग के बल पर इसरो ने अपना विस्तृत रोडमैप साझा किया है। इसमें चंद्रमा से सैंपल लाने वाला महत्वाकांक्षी चंद्रयान-4 मिशन, 2027 तक भारत का पहला मानव-सहित अंतरिक्ष मिशन और 2035 तक अपना स्वतंत्र अंतरिक्ष स्टेशन शामिल है। इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया, कि संगठन इस वित्तीय वर्ष में कुल सात लॉन्चिंग करने की तैयारी कर रहा है। इनमें एक कमर्शियल कम्युनिकेशन सैटेलाइट, कई पीएसएलवी और जीएसएलवी मिशन शामिल होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि इसरो पहली बार पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित पीएसएलवी परीक्षण के लिए तैयार कर रहा है, जो आत्मनिर्भर अंतरिक्ष कार्यक्रम की दिशा में बड़ी उपलब्धि होगी। सरकार ने अब चंद्रयान-4 मिशन को औपचारिक मंजूरी दे दी है। यह मिशन चंद्रमा की सतह से सैंपल पृथ्वी तक लाने वाला अत्यंत जटिल अभियान होगा। इसरो 2028 तक इसे लॉन्च करने का लक्ष्य बना रहा है। इसके साथ ही जापान की अंतरिक्ष एजेंसी जेक्सा के साथ मिलकर लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन मिशन (लुपेक्स) पर भी काम तेजी से बढ़ाया जा रहा है। नारायणन ने बताया कि बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए इसरो अपनी अंतरिक्षयान निर्माण क्षमता को अगले तीन वर्षों में तीन गुना तक बढ़ाएगा। इससे भारत को अधिक मिशन कम समय में लॉन्च करने में मदद मिलेगी। भारत के दीर्घकालिक अंतरिक्ष कार्यक्रम में सबसे अहम परियोजनाओं में से एक है—भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन। इसरो 2035 तक अपने अंतरिक्ष स्टेशन को पूर्ण रूप में स्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है। पांच मॉड्यूल वाले इस स्टेशन का पहला मॉड्यूल 2028 तक कक्षा में भेज दिया जाएगा। इसके साथ भारत अमेरिका और चीन के बाद अपना स्वयं का स्पेस स्टेशन रखने वाला तीसरा देश बन सकता है। इसी तरह मानव-सहित गगनयान मिशन पर कार्य तेज़ी से जारी है। योजना के अनुसार 2027 तक भारत अपना पहला मानव अंतरिक्ष यान भेज देगा, जो देश के अंतरिक्ष इतिहास में एक बड़ा मोड़ साबित होगा। इसरो अध्यक्ष के अनुसार, आने वाले दशक में भारत अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीक की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी देशों की श्रेणी में शामिल होने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। हिदायत/ईएमएस 17 नवंबर 2025