देहरादून,(ईएमएस)। आर्थिक रूप से हम अमेरिका और चीन से बहुत पीछे हैं। चीन हमारा बड़ा प्रतिद्वंद्वी है। हमारी आर्थिक प्रगति दोहरे अंकों में होनी चाहिए। तकनीक जिस तेजी से बदल रही है सेना को भी अधिक गतिशील होना होगा। मतलब बगैर शक्ति के शांति संभव नहीं है। ये बात देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल में पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल मनोज नरवणे ने भारत की विकास गति, सैन्य क्षमता, तकनीकी बदलावों और महिलाओं की समान भागीदारी पर विचार रखते हुए कही। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। रक्षा बजट बढ़ाना ही होगा। शक्ति के बिना शांति असंभव है। नरवणे ने कहा कि हमारे सामने साल दर साल चुनौतियां बढ़ रही हैं। हमें खुद को तैयार करना होगा। हमें एआई, मशीन लर्निंग, रिसर्च और विकास समेत कई दिशाओं में काम करना है। महिलाओं की भी सेना में भागीदारी बढ़ानी होगी। युवाओं को मिलिट्री प्रशिक्षण देना होगा। अग्निवीर जैसी योजनाएं देश के लिए बहुत लाभकारी हैं। मनोज नरवणे ने कहा कि उनके लिए देहरादून दूसरा घर है। दून की यादें उनके जेहन में हमेशा रहती है। वह यहां भारतीय सैन्य अकादमी के कैडेट रहे। दून उनकी नजर में बेहद सुंदर नगर है। इसे अपनी सुंदरता कायम रखनी होगी। वीरेंद्र/ईएमएस/17नवंबर2025 ------------------------------------