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16-Nov-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने रविवार को कहा कि भारत में आतंकवाद की जड़ें 1989-90 में कश्मीर से शुरू हुईं और इसके बाद यह धीरे-धीरे मुंबई, पुणे, दिल्ली जैसे बड़े शहरों तक फैल गया। उन्होंने कहा कि देश पिछले तीन दशकों से आतंकवाद की चुनौती झेल रहा है और इस पर अब कठोर एवं असरदार कार्रवाई की जरूरत है। कांग्रेस नेता थरूर ने कहा कि हर आतंकी घटना में दो बातें सबसे महत्वपूर्ण होती हैं—पहली, यह जानना कि वारदात किसने और क्यों की; और दूसरी, भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने की रणनीति तैयार करना। उनके अनुसार, हर मुद्दे को युद्ध और शांति के चश्मे से नहीं देखा जा सकता। आतंकवाद पर सख्ती जरूरी है, लेकिन विकास के बड़े लक्ष्य को नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए। थरूर की यह प्रतिक्रिया जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के उस बयान के बाद आई, जिसमें उन्होंने कहा था कि दिल्ली ब्लास्ट के बाद हर कश्मीरी पर उंगली उठाई जाने लगी है। फारूक ने कहा था, “वो दिन कब आएगा जब लोग मानेंगे कि हम हिंदुस्तानी हैं? हम इसके जिम्मेदार नहीं हैं। जो जिम्मेदार हैं, उनसे पूछिए कि इन डॉक्टरों को यह रास्ता क्यों अपनाना पड़ा? इसकी गहन जांच की जरूरत है।” उन्होंने नौगाम पुलिस स्टेशन क्षेत्र में हुए हालिया धमाके को लेकर भी सुरक्षा व्यवस्थाओं पर चिंता जताई। फारूक ने कहा, “यह हमारी गलती है। जिन विशेषज्ञों को विस्फोटक सामग्री की समझ है, उनसे पहले सलाह लेनी चाहिए थी। इसके बजाय ऐसे मामलों में दखल किया गया, जिनकी जानकारी पर्याप्त नहीं थी। नतीजा यह हुआ कि 9 लोगों की जान चली गई और कई घरों को भारी नुकसान हुआ।” हिदायत/ईएमएस 16नवंबर25