नई दिल्ली (ईएमएस)। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी पनीर डोडी, पनीर फुल या पनीर डोडा अनेक बीमारियों में उपयोगी मानी जाती है। आयुर्वेद के अनुसार, यह विशेष रूप से मधुमेह (डायबिटीज) के लिए लाभकारी है। आयुर्वेद में इसे शरीर का संतुलन बनाए रखने, पाचन सुधारने और खून को शुद्ध करने वाली औषधि बताया गया है। मधुमेह के नियंत्रण में पनीर डोडी का प्रमुख योगदान है। इसमें मौजूद प्राकृतिक तत्व ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित रखने में मदद करते हैं और शरीर में इंसुलिन की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं। कई लोग सुबह खाली पेट इसे पानी में भिगोकर पीते हैं, जिससे शुगर लेवल नियंत्रित रहता है और डायबिटीज के लक्षणों में राहत मिलती है। पाचन तंत्र की मजबूती के लिए भी यह जड़ी-बूटी लाभकारी है। कब्ज, गैस या पेट फूलने जैसी समस्याओं में पनीर डोडी कारगर साबित होती है। यह पाचन क्रिया को दुरुस्त करती है और भोजन को सही तरीके से पचाने में सहायता करती है। दिल की सेहत के लिए भी यह फायदेमंद है, क्योंकि यह खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को घटाकर अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को बढ़ाती है। इससे हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है। इसके अलावा, इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालते हैं, जिससे खून साफ होता है और त्वचा में निखार आता है। महिलाओं के लिए भी यह औषधि लाभकारी है। यह मासिक धर्म की अनियमितता को दूर करने में मदद करती है और पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को कम करती है। इसके हल्के शामक गुण मानसिक तनाव घटाने और नींद की गुणवत्ता सुधारने में भी सहायक हैं। लिवर की सेहत के लिए भी पनीर डोडी उपयोगी मानी जाती है। इसके हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण लिवर को नुकसान से बचाते हैं और उसकी कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं। हालांकि, इसके सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए, और अधिक मात्रा में लेने से सिरदर्द या चक्कर जैसी परेशानी हो सकती है। इसलिए इसका उपयोग डॉक्टर या आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह से ही करना उचित है। सुदामा/ईएमएस 21 नवंबर 2025