ज़रा हटके
22-Nov-2025
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लंदन (ईएमएस)। महानगरों की लगातार खराब होती हवा न सिर्फ फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि अस्थमा, एलर्जी, लगातार खांसी, ब्रॉन्काइटिस और सांस से जुड़ी कई बीमारियों के मामलों में भी तेज बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदूषण शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ाता है, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ने लगता है और शरीर संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि लोग अपनी रोजमर्रा की डाइट में ऐसे पोषक तत्व शामिल करें जो फेफड़ों को अंदर से साफ करें और उन्हें मजबूत बनाएं। खासतौर पर विटामिन सी, विटामिन ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड इस दौरान बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं, क्योंकि ये प्रदूषण से होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम करने की क्षमता रखते हैं। फेफड़ों की सफाई और उनकी क्षमता बढ़ाने में खट्टे फल अहम भूमिका निभाते हैं। नींबू, संतरा, मौसमी और आंवला विटामिन सी के बेहतरीन स्रोत माने जाते हैं। ये शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं और फेफड़ों की कोशिकाओं को मजबूत बनाते हैं। रोजाना नींबू पानी, आंवला जूस या किसी भी खट्टे फल का सेवन फेफड़ों को डिटॉक्स करने में प्रभावी माना जाता है। इसके साथ ही हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, सरसों और ब्रोकोली में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और फोलेट फेफड़ों की कोशिकाओं की मरम्मत करते हैं तथा उनमें सूजन को कम करते हैं। नियमित रूप से इन सब्जियों का सेवन करने से सांस लेने में दिक्कतें कम होती हैं और फेफड़ों की कार्यक्षमता बेहतर होती है। लहसुन और अदरक भी इस मौसम में प्राकृतिक औषधि की तरह काम करते हैं। लहसुन में पाया जाने वाला एलिसिन और अदरक में मौजूद जिंजरॉल फेफड़ों की सूजन और इंफेक्शन को कम करने में मदद करते हैं। ये श्वसन तंत्र को साफ रखने और फेफड़ों को संक्रमण से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सूप, काढ़ा और रोजमर्रा की सब्जियों में इनका उपयोग स्मॉग के असर को काफी कम कर सकता है। वहीं सालमन, टूना, अखरोट और अलसी के बीज ओमेगा-3 फैटी एसिड के महत्वपूर्ण स्रोत हैं, जो सूजन कम करते हैं और सांस लेने की क्षमता को बढ़ाते हैं। शाकाहारी लोग अखरोट या अलसी को अपनी डाइट में आसानी से शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा, हर्बल टी, ग्रीन टी और हल्दी वाला दूध शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में सहायक माने जाते हैं। हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन फेफड़ों के टिशूज़ को हील करता है और संक्रमण के खतरे को कम करता है। रात में हल्दी वाला दूध पीना विशेष रूप से फेफड़ों के लिए लाभकारी बताया जाता है। सुदामा/ईएमएस 22 नवंबर 2025