अंतर्राष्ट्रीय
21-Nov-2025
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वाशिंगटन(ईएमएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी ही नीतियों और आदेशों के चलते कई बार फंस जाते हैं। अमेरिका में आयोजित यूएस-सऊदी इन्वेस्टमेंट फोरम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एच-1बी वीजा का खुलकर बचाव किया। इस मुद्दे पर उनकी ही पार्टी के कई लोग नाराज हैं। इस बीच ट्रंप ने साफ कहा कि हाई-स्किल्ड विदेशी कामगार अमेरिका की टेक इंडस्ट्री के लिए जरूरी हैं। ट्रंप ने अपने संबोधन की शुरुआत इस सफाई से की कि वे कंजर्वेटिव दोस्तों और मेगा को प्यार करते हैं’, लेकिन साथ ही यह भी जोड़ा कि टेक्नोलॉजी और चिप मैन्युफैक्चरिंग जैसी इंडस्ट्रीज बिना विदेशी विशेषज्ञता के आगे नहीं बढ़ सकतीं। ट्रंप का यह बयान भारत के लिए बेहद अच्छा माना जा रहा है, क्योंकि भारतीय ही इस वीजा के सबसे ज्यादा धारक हैं। उन्होंने अपने उन समर्थकों पर भी टिप्पणी की जो एच-1बी का विरोध करता है। ट्रंप ने कहा कि कुछ लोग स्थिति को ठीक से नहीं समझते। उनके मुताबिक टेक सेक्टर के कई काम इतने तकनीकी हैं कि उन्हें चलाने के लिए पहले लोगों को प्रशिक्षित करना पड़ता है, और यह प्रशिक्षण वही विशेषज्ञ दे सकते हैं जो इन प्लांट्स को बनाने वाली कंपनियों से आते हैं।ट्रंप ने कहा कि अरबों डॉलर के चिप प्लांट खोलने वाली कंपनियां केवल बेरोजगार लाइन से लोगों को उठा कर इन फैक्ट्रियों को नहीं चला सकतीं। उन्हें ऐसे लोग चाहिए जिनके पास पहले से स्किल हो, और वह कौशल उन्हें विदेशी कामगार ही सिखा सकते हैं। ट्रंप ने कहा, आप अरबों डॉलर का चिप फैक्ट्री प्लांट खोलें और सोचें कि बेरोजगार लाइन में खड़ा कोई भी शख्स उसे चला लेगा, ये संभव नहीं है। कंपनियों को हजारों विदेशी विशेषज्ञों को लाना पड़ेगा और मैं उनका स्वागत करूंगा। यही असली मेगा है।दक्षिणपंथी अमेरिकी लंबे समय से एच-1बी वीजा को अमेरिकी कामगारों के खिलाफ मानता रहा है। उनका आरोप है कि इस कार्यक्रम के जरिए अमेरिकी कंपनियां विदेशों से सस्ता कामगार लाकर अमेरिकी इंजीनियरों और प्रोग्रामर्स को रिप्लेस कर देती हैं। कुछ हाई-प्रोफाइल मामलों में अमेरिकियों की छंटनी और फिर उन्हें एच-1बी कर्मचारियों को ट्रेन देने के लिए कहे जाने ने इस गुस्से को और बढ़ाया। ट्रंप ने अपने पिछले चुनाव अभियानों के दौरान कई बार एच-1बी पर सवाल उठाए थे। वीरेंद्र/ईएमएस 21 नवंबर 2025