कोरबा (ईएमएस) सार्वजनिक क्षेत्र के वृहद उपक्रम कोल् इंडिया की अनुसांगिक कंपनी एसईसीएल बिलासपुर के अधीन कोरबा-पश्चिम क्षेत्र में स्थापित खुले मुहाने की गेवरा कोयला परियोजना अंतर्गत एसईसीएल की मेगा परियोजना खदान से प्रभावित भू-विस्थापित सुबह विरोध प्रदर्शन करने एसईसीएल कार्यालय पहुंचे। इस दौरान सुरक्षा कर्मियों ने बैरिकेड्स लगाकर एसईसीएल कार्यालय में घुसने से रोक दिया। इसके बाद मौके पर विरोध शुरू हुआ और खदान प्रभावितों ने एसईसीएल के खिलाफ नारेबाजी की। महाप्रबंधक से वार्ता कराने पर अड़े आंदोलनकारियों ने लगभग 4 घंटे तक मुख्य द्वार का घेराव किया। भू-विस्थापितों ने उनकी मांगें पूरी नहीं होने पर अगले चरण में खदान बंद कराने की चेतावनी दी है। किसान सभा व भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ के नेतृत्व में खदान प्रभावित ग्रामो के भू-विस्थापितों ने एसईसीएल कार्यालय का घेराव किया। एसईसीएल मुख्यालय के गेट पर आंदोलनकारियों को भीतर जाने से रोकने बैरिकेड्स लगाए गए थे। बेरिकेड्स को गिराकर भू-विस्थापितों ने घुसने कोशिश की। सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें अंदर जाने से रोका। इसके बाद मुख्य द्वार के बाहर भू-विस्थापितों ने जमकर नारेबाजी की। एसईसीएल की रोजगार, मुआवजा व बसाहट नीतियों पर विरोध जताया। वनटाइम सेटलमेंट से लंबित रोजगार के प्रकरणों के निराकरण की मांग करी। अर्जन के बाद जन्म के लंबित प्रकरण का भी निपटारा करने आवाज बुलंद की। 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सीएमडी कार्यालय के घेराव आंदोलन में प्रशांत झा, दीपक साहू, रेशम यादव, दामोदर श्याम, रघु यादव, रमेश दास नंद कश्यप, सुमेन्द्र सिंह कंवर, दीनानाथ, अनिल बिंझवार, नरेश,नारायण, नरेंद्र, होरीलाल, डूमन, उमेश, विजय, बजरंग सोनी, उत्तम, जितेंद्र, गणेश, राजकुमारी, पुरषोत्तम, राम खिलावन, हेम लाल, विष्णु पटेल सहित अन्य उपस्थित रहे। * सीएमडी ने प्रतिनिधि मंडल से की वार्ता भू-विस्थापित सीएमडी से मांगों पर वार्ता करने की मांग पर अड़े थे। इस पर मुख्यालय के अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए बुलाया। मुख्यालय के सभाकक्ष में प्रतिनिधि मंडल व अधिकारियों के बीच वार्ता हुई। अर्जन के बाद जन्म और सभी छोटे खातेदारों को रोजगार देने की मांग को प्रमुखता से रखा गया। सीएमडी हरीश दुहन के आश्वासन पर आंदोलन समाप्त हुआ। * 16 को गेवरा, 30 दिसंबर को कुसमुंडा में करेंगे प्रदर्शन किसान सभा के पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि भू-विस्थापितों की मांगें पूरी करने प्रबंधन से आश्वासन मिला है। अगर उनकी 11 सूत्रीय मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तो अगले चरण में 16 दिसंबर को गेवरा क्षेत्र और 30 दिसंबर को को कुसमुंडा क्षेत्र में प्रदर्शन और खदानबंदी आंदोलन करेंगे। किसान सभा ने अगले चरण के आंदोलन के लिए नोटिस भी अधिकारियों को थमा दिया है। जिन किसानों की जमीन एसईसीएल ने अधिग्रहण की है, उन सभी खातों पर भू-विस्थापितों को स्थाई रोजगार देने की मांग की गई है। 21 नवंबर / मित्तल