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21-Nov-2025
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-कोलकाता समेत पूर्वोत्तर भारत भी कांपा ढाका,(ईएमएस)। शुक्रवार सुबह बांग्लादेश में आए 5.7 तीव्रता के भूकंप ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। भारतीय समयानुसार सुबह 10:08 बजे आए इस भूकंप से अब तक 6 लोगों की मौत और 200 से अधिक घायल हो गए हैं। भूकंप का केंद्र ढाका से लगभग 25 किमी दूर नरसिंगडी जिले के माधबडी क्षेत्र में था। झटकों की तीव्रता इतनी अधिक थी कि कई इलाकों में दहशत फैल गई और एक 10 मंजिला इमारत झुक गई। भूकंप के झटके कोलकाता समेत पूर्वोत्तर भारत के क्षेत्रों में भी महसूस किए गए। इसके अलावा गुवाहाटी, अगरतला और शिलांग में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। जानकारी अनुसार गाजीपुर के श्रीपुर क्षेत्र में स्थित डेनिमेक कपड़ा फैक्ट्री में हादसा हुआ, जहां भूकंप के दौरान मजदूर इमारत से बाहर निकलने की कोशिश में भगदड़ का शिकार हो गए। 150 से अधिक मजदूर घायल हुए हैं। घायल मजदूरों ने आरोप लगाया कि भूकंप आने के बाद भी फैक्ट्री प्रबंधन ने मुख्य गेट खोलने से इनकार कर दिया था, जिससे दहशत और बढ़ गई। सभी घायलों को श्रीपुर उपजिला स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। 10 महीने की बच्ची की दर्दनाक मौत नारायणगंज के रूपगंज उपजिला में एक दीवार गिरने से 10 महीने की बच्ची की मौत हो गई। मां और एक पड़ोसी घायल हुए हैं और उनका निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचार चल रहा है। मां के बयान के अनुसार, जैसे ही झटके महसूस हुए, वे बच्ची को लेकर घर से निकलीं, लेकिन पास की दीवार उनके ऊपर गिर गई। ढाका में इमारत झुकी, क्रिकेट मैच रुका भूकंप के असर से एक 10 मंजिला इमारत झुक गई, जिसे देखकर लोगों में दहशत फैल गई। ढाका में चल रहे बांग्लादेश–आयरलैंड अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच को भी झटकों के कारण कुछ देर के लिए रोकना पड़ा। बांग्लादेश सरकार ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। आपदा प्रबंधन टीमें प्रभावित इलाकों में तैनात हैं और इमारतों की संरचनात्मक सुरक्षा की जांच जारी है। कोलकाता समेत पूर्वोत्तर भारत में भी कंपन सुबह 10:10 बजे कोलकाता में लगभग 20 सेकेंड तक झटके महसूस किए गए। इस क्षेत्र में भूकंप की तीव्रता 5.2 रिकॉर्ड की गई। कूचबिहार, दक्षिण दिनाजपुर, मालदा और नादिया जिलों में भी झटके महसूस किए गए। अब तक भारत के किसी हिस्से में नुकसान की सूचना नहीं है। 1762 में आया था ग्रेट अराकान अर्थक्वेक बांग्लादेश के इतिहास में अब तक का सबसे भीषण भूकंप 1762 में आया था, जिसकी तीव्रता 8.5 थी। इसके बाद आई 6 से 15 मीटर ऊँची सुनामी ने चटगांव को तबाह कर दिया था। कई इलाके हमेशा के लिए समुद्र में समा गए थे। ईस्ट इंडिया कंपनी, पुर्तगाली व डच व्यापारियों के रिकॉर्ड में इस तबाही का विस्तृत विवरण दर्ज है। हिदायत/ईएमएस 21नवंबर25