भुज,(ईएमएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हरिपुर भुज स्थित सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 61वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस दौरान, केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने शहीद जवानों के स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद 1965 में सीमा सुरक्षा बढ़ाने बीएसएफ की स्थापना की गई थी। शुरुआत में, बीएसएफ की 25 बटालियनों को शामिल किया था और समय के साथ, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, पूर्वोत्तर क्षेत्र आदि में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए जरुरत के अनुसार इसका विस्तार हुआ। वर्तमान में बीएसएफ में 193 (3 एनडीआरएफ सहित) बटालियन और सात बीएसएफ आर्टिलरी रेजिमेंट हैं, जो पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा की रक्षा करती हैं। इसके अतिरिक्त, बीएसएफ कश्मीर घाटी में घुसपैठ रोधी भूमिका, पूर्वोत्तर क्षेत्र में उग्रवाद रोधी, ओडिशा और छत्तीसगढ़ राज्यों में नक्सल रोधी अभियान तथा पाकिस्तान और बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर एकीकृत जांच चौकियों की सुरक्षा देती है। केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, बीएसएफ के जवानों ने 118 से अधिक पाकिस्तानी चौकियों को नष्ट और क्षतिग्रस्त किया। शांति काल में भी, बीएसएफ पाकिस्तानी चौकियों पर नज़र रखने के लिए सतर्क रहती है और सटीक खुफिया जानकारी और सबसे कम संभव समय में जब वे अधिकतम नुकसान पहुँचाएँ के आधार पर उन पर हमला करती है। बीएसएफ दुनिया का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है, जिसमें 2.7 लाख से ज़्यादा जवान कार्यरत हैं और पिछले छह दशकों से भी ज़्यादा समय से इसने देश की मज़बूत सुरक्षा सुनिश्चित की है। बीएसएफ की 2024 की स्थापना दिवस परेड जोधपुर में आयोजित की गई, जहाँ शाह ने कर्तव्य निर्वहन के दौरान जवानों के बलिदान को रेखांकित किया। आशीष दुबे / 21 नवबंर 2025