राज्य
22-Nov-2025
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पटना,(ईएमएस)। बिहार की राजनीति में शुक्रवार को एक ऐसा फैसला हुआ जिसने पूरे सत्ता समीकरण को बदल कर रख दिया। सुशासन बाबू कहे जाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो दशक बाद गृह विभाग अपने पास से छोड़ दिया और इसे भाजपा के खाते में दे दिया। नए मंत्रिमंडल गठन के बाद डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को गृह विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अब सियासी गलियों में यही माना जा रहा है कि नीतीश कुमार अब केवल नाममात्र के मुख्यमंत्री रह गए हैं सत्ता की असली चाबी तो सम्राट चौधरी के पास है। क्योंकि बिहार की शासन व्यवस्था में गृह मंत्रालय ही सबसे शक्तिशाली विभाग है। पुलिस प्रशासन से लेकर वीआईपी सुरक्षा, बड़े अपराधों की मॉनिटरिंग से लेकर इंटेलिजेंस ब्यूरो तक- सभी इस विभाग के अधीन आते हैं। इसके साथ ही पुलिस बल, इंटेलिजेंस रिपोर्ट, वीआईपी सुरक्षा, बड़े अपराध मामलों की निगरानी और जेल प्रशासन- सबकुछ अब सम्राट चौधरी के नियंत्रण में आ गया है। 2005 से लेकर 2025 तक बिहार में कानून-व्यवस्था की बागडोर हमेशा नीतीश कुमार के हाथ में रही। चाहे वे सत्ता में रहे हों या बीच में सत्ता परिवर्तन हुआ हो गृह विभाग कभी नहीं छोड़ा गया। लेकिन इस बार बिसात पूरी तरह पलट गई है। अब वही अधिकार जिनके दम पर नीतीश कुमार प्रशासन चलाते थे अब सम्राट चौधरी के पास आ गए हैं। किस जेल में कैसी सुरक्षा होगी, कैदियों की श्रेणी कैसे तय होगी-इस पर अंतिम निर्णय अब गृह मंत्री लेंगे। साथ ही राज्य में किस नेता, मंत्री या अधिकारी को कौन सी सुरक्षा मिलेगी, यह फैसला सम्राट चौधरी करेंगे। इंटेलिजेंस ब्यूरो की पूरी रिपोर्ट गृह मंत्री को दी जाएगी। राज्य की सुरक्षा, चुनावी गतिविधियां, महत्वपूर्ण राजनीतिक कार्यक्रम, अपराध जगत और संवेदनशील इलाकों की हर इनपुट गृह मंत्रालय को जाएगा। अब ये रिपोर्ट सीधे सम्राट चौधरी के पास पहुंचेगी। कानून-व्यवस्था का नया सम्राट गृह विभाग का भाजपा को मिलना सिर्फ विभागीय फेरबदल नहीं है। विभागीय बंटवारे ने साफ कर दिया कि एनडीए सरकार में अब प्रशासन की वास्तविक चाबी किसके हाथ में है। यह बदलाव न केवल नीतीश कुमार की कार्यशैली में बदलाव बता रहा है, बल्कि यह भी बताता है कि बिहार की सियासत में अब भूमिका और ताकत का केंद्र किस तरफ खिसक रहा है। यह संकेत है कि एनडीए सरकार में सत्ता का संतुलन बदल चुका है।बीजेपी अब न केवल राजनीतिक रूप से, बल्कि प्रशासनिक तौर पर भी मजबूत स्थिति में पहुंच चुकी है और सबसे बड़ा संकेत यह कि अब बिहार की कानून-व्यवस्था का ‘चेहरा’ नीतीश कुमार नहीं, बल्कि सम्राट चौधरी होंगे। मंत्रिमंडल में किसको कौन सा विभाग मिला मंत्रिमंडल की नई सूची के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पास सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी, निर्वाचन और वे सभी विभाग रखे हैं जो किसी को आवंटित नहीं हुए। वहीं 27 मंत्रियों के बीच कृषि, स्वास्थ्य, उद्योग, सहकारिता, पंचायती राज, शिक्षा, नगर विकास, पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, पर्यावरण, खेल, पर्यटन समेत सभी प्रमुख विभाग बांटे गए हैं। 1 नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री- सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी एवं निर्वाचन, ऐसे सभी विभाग जो किसी को आबंटित नहीं हैं। 2 सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री- गृह 3 विजय कुमार सिन्हा, उप मुख्यमंत्री-राजस्व एवं भूमि सुधार, खान एवं भू–तत्व 4 विजय कुमार चौधरी-जल संसाधन, संसदीय कार्य, सूचना एवं जन–संपर्क, भवन निर्माण 5 विजयेंद्र प्रसाद यादव- ऊर्जा, योजना एवं विकास, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन, वित्त एवं वाणिज्य–कर 6 श्रवण कुमार-ग्रामीण विकास, परिवहन 7 मंगल पाण्डेय-स्वास्थ्य, विधि 8 दिलीप कुमार जायसवाल-उद्योग 9 अशोक चौधरी-ग्रामीण कार्य 10 लेसी सिंह-खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण 11 नितिन नवीन-पथ निर्माण, नगर विकास एवं आवास 12 मदन साहनी-समाज कल्याण 13 राम कृपाल यादव-कृषि 14 सतीश कुमार सुमन- लघु जल संसाधन 15 सुनील कुमार- शिक्षा, विज्ञान, प्रावैधिक एवं तकनीकी शिक्षा 16 मो जमां खान- अल्पसंख्यक कल्याण 17 संजय सिंह ‘टाइगर’- श्रम संसाधन 18 अरुण शंकर प्रसाद-पर्यटन, कला, संस्कृति एवं युवा 19 सुरेन्द्र मेहता- पशु एवं मत्स्य संसाधन 20 नारायण प्रसाद- आपदा प्रबंधन 21 रमा निवास- पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण 22 लखिन्द्र कुमार रोशन-अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण 23 श्रेयसी सिंह-सूचना प्रावैधिकी, खेल 24 डॉ प्रमोद कुमार- सहकारिता, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन 25 संजय कुमार-गन्ना उद्योग 26 संजय कुमार सिंह- लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण 27 दीपक प्रकाश- पंचायती राज वीरेंद्र/ईएमएस/22नवंबर2025